प्रमोद जैन 'प्रेम' का लेखन क्षेत्र बहुव्यापी है। अपने आस-पास व्याप्त परिवेश, ग्रामीण, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, नैतिक, आध्यात्मिक, सदाचार आदि से संपन्न भावनाओं पर आपकी लेखनी सतत चलती रही है| आपके लेखन की भाषा सरल, सहज – प्रवाहमयी एवं बोधगम्य है। रसिक सुधी पाठक अवश्य इस कृति को पढ़कर स्नेह प्रदान करेंगे।