मोनिका को लेखन के सहारे अपनी बातें कहने का शौक बचपन से था। ड्रॉइंग और लेखन के अपने इस शौक को, वो अपने सबसे करीब रखती है। क्लीनिकल साईकोलाॅजी की पढाई करने पर उन्होंने यह समझा की अपनी बातों को कह पाना कितना ज़रूरी होता है। इसलिए वो अपने इन शौकों को, अपनी बातें व्यक्त करने के लिए इस्तमाल करती हैं।