यह एक आंचलिक उपन्यास है जिसमें बिहार राज्य के तत्कालीन पूर्णियाँ जिले ( वर्तमान अररिया जिला ) के एक राज घराना, कुछ जमींदार घरानों और संथालों की कहानी वर्णित है ! ये सभी परिवार और लोग एक जंगल जिसका नाम गोलाबाड़ी है पर अपना आधिपत्य जमाने के लिए तीन सदियों तक युद्ध लड़ते रहे ! इन तीन सदियों में यहाँ अनेकों बार हत्याएं हुई और लगभग हर सदी में इस जंगल के स्वामित्व का परिवर्तन होता रहा !!
इस उपन्यास में एक स्कूल का भी वर्णन है जिस स्कूल के माध्यम से इस क्षेत्र में शिक्षा की किरण आज वर्षों से स्फुटित हो रही है, जिससे आज इस क्षेत्र के लाखों घरों में जीवन अंधकार से रौशनी की ओर पुरोगामी है ------
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Specifications
Publication Year
2018
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