बेस्ट ऑफ तृप्ति भट्ट एंड संजीव सान्याल (ख्वाबों के खाट + फिर एक दोपहर) (सेट ऑफ 2 बुक्स)

बेस्ट ऑफ तृप्ति भट्ट एंड संजीव सान्याल (ख्वाबों के खाट + फिर एक दोपहर) (सेट ऑफ 2 बुक्स) (पेपरबैक, तृप्ति भट्ट, संजीव सान्याल)

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बेस्ट ऑफ तृप्ति भट्ट एंड संजीव सान्याल (ख्वाबों के खाट + फिर एक दोपहर) (सेट ऑफ 2 बुक्स)  (पेपरबैक, तृप्ति भट्ट, संजीव सान्याल)

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      डिलीवरी25 जुलाई, शुक्रवार
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    लेखक
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    Highlights
    • लेखक: तृप्ति भट्ट, संजीव सान्याल
    • 376 पेज
    • पब्लिशर: प्रभात प्रकाशन प्राइवेट. लिमिटेड
    सर्विस
    • कैश ऑन डिलीवरी उपलब्ध
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    namaskarbooks
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  • जानकारी
    9789352661404 काव्य एक ऐसी विधा है, जिसमें सृजन मात्र लेखक द्वारा नहीं होता, चाहे-अनचाहे कुछ हम कविता में लिखते हैं और कुछ कविता हम में इस तरह लिख जाती है कि सब कुछ पहले जैसा नहीं रहता। कहीं-न-कहीं देखने का नज़रिया, भावनाओं की गहराई, संवेदनशीलता या कभी-कभी एक ओढ़ी हुई नकली संवेदनहीनता हम अपनी रचनाओं से उधार ले लेते हैं और कभी धीरे-धीरे ये हम में खुद को छेनी-हथौड़े की तरह तराशकर कुछ उकेर जाती हैं। एक ही कविता जब अलग-अलग पाठकों के अनुभवों के लेंस से होकर गुज़रती है तो सब आँखों को एक सी तसवीर नहीं दिखाई देती। कई बार कवि स्वयं को भी श्रोता के माध्यम से एक नई नज़र से पहचान पाता है। एक कविता न केवल रचनाकार, अपितु श्रोता/पाठक की भी कई अनसुलझी भावनाओं में एक स्पष्टता लाती है। कुछ गहरे मानवीय सत्यों का साक्षात्कार कविता में शब्दों के माध्यम से होता है और कवि की नैतिकता भी इसमें निहित है कि इस सत्य के साक्षात्कार को सार्वजनिक करे. 9789353220396 उस भारत की एक मनोरंजक और अचरज भरी यात्रा, जिसे आप सोचते थे कि आप जानते हैं। ‘भारतीय भूगोल का संक्षिप्त इतिहास’ के लोकप्रिय लेखक संजीव सान्याल अपनी असाधारण कहानियों से पाठकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। उनकी चिरपरिचित दिलचस्प शैली में लिखी गई उनकी कहानियाँ परिहास से भरी हैं। ‘मैं यहाँ हूँ अभी भी’ में इंटरनेट को बेनकाब करने निकले ढीठ ब्लॉगर को अपनी बरबादी का सामना करना पड़ता है। एक कहानी में एक युवक वित्तीय संकट के दौरान अपनी नौकरी गँवा देता है और दो बीयर के साथ अपने जीवन को फिर से पटरी पर लाने का प्रयास करता है। ‘बुद्धिजीवी’ में एक विदेशी शोधकर्ता कोलकाता के ढलती उम्र के बुद्धिजीवियों के बीच कुछ यादगार पल बिताता है। मुंबई हाउसिंग सोसाइटी की गंदी राजनीति से लेकर दिल्ली के कॉकटेल सर्किट के दंभ तक ‘दो बीयर का जीवन’ तेजी से बदलते भारत की तह तक जाता है और आपको हँसने पर विवश कर देता है। रंग-बिरंगे सामाजिक परिवेश से सरोकार कराती पठनीयता से भरपूर रोचक-रोमांचक कहानियों का संकलन
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    Specifications
    बुक
    • बेस्ट ऑफ तृप्ति भट्ट एंड संजीव सान्याल (ख्वाबों के खाट + फिर एक दोपहर) (सेट ऑफ 2 बुक्स)
    ऑथर
    • तृप्ति भट्ट, संजीव सान्याल
    बाइंडिंग
    • पेपरबैक
    पब्लिशिंग की तारिख
    • 2021
    पब्लिशर
    • प्रभात प्रकाशन प्राइवेट. लिमिटेड
    एडिशन
    • 1st
    नंबर ऑफ पेज
    • 376
    लैंग्वेज
    • हिंदी
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