दीवार में एक खिरकी रहती थी

दीवार में एक खिरकी रहती थी  (हार्डकवर, विनोद कुमार शुक्ला)

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लेखक
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Highlights
  • लेखक: विनोद कुमार शुक्ला
  • 170 पेज
  • पब्लिशर: वाणी प्रकाशन
जानकारी
"ऐसे नीरस किंतु सरस जीवन की कहानी कैसी होगी? कैसी होगी वह कहानी जिसके पात्र शिकायत करना नहीं जानते, हाँ! जीवन जीना अवश्य जानते हैं, प्रेम करना अवश्य जानते हैं, और जानते हैं सपने देखना। सपने शिकायतों का अच्छा विकल्प हैं। यह भी हो सकता है कि सपने देखने वालों के पास और कोई विकल्प ही न हो। यह भी हो सकता है कि शिकायत करने वाले यह जानते ही ना हों कि उन्हें शिकायत कैसे करनी चाहिये। या तो यह भी हो सकता है कि शिकायत करने वाले यह मानते ही न हों कि उनके जीवन में शिकायत करने जैसा कुछ है भी! ऐसे ही सपने देखने वाले किंतु जीवन को बिना किसी तुलना और बिना किसी शिकायत के जीने वाले, और हाँ, प्रेम करने वाले पात्रों की कथा है विनोदकुमार शुक्ल का उपन्यास “दीवार में एक खिड़की रहती थी”। "
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Specifications
बुक
  • दीवार में एक खिरकी रहती थी
ऑथर
  • विनोद कुमार शुक्ला
बाइंडिंग
  • हार्डकवर
पब्लिशिंग की तारिख
  • 2010
पब्लिशर
  • वाणी प्रकाशन
नंबर ऑफ पेज
  • 170
लैंग्वेज
  • हिंदी
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