Dimage Hasti Dil Ki Basti Hai Kahan ? Hai Kahan ?

Dimage Hasti Dil Ki Basti Hai Kahan ? Hai Kahan ? (Hindi, Hardcover, Bhalla Mahendra)

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Dimage Hasti Dil Ki Basti Hai Kahan ? Hai Kahan ?  (Hindi, Hardcover, Bhalla Mahendra)

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      डिलीवरी5 सितंबर, शुक्रवार
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    लेखक
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    Highlights
    • Language: Hindi
    • Binding: Hardcover
    • Publisher: Vani Prakashan
    • Genre: Drama
    • ISBN: 9788126318971
    • Edition: 2nd, 2010
    • Pages: 128
    सर्विस
    • कैश ऑन डिलीवरी उपलब्ध
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    Seller
    VaniPrakashan
    3.9
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  • जानकारी
    दिमाग़े-हस्ती दिल की बस्ती है कहाँ ? है कहाँ ? - एक गठी हुई, सजग नाट्य भाषा में सामाजिक-पारिवारिक ताने-बाने के ऐन बीच बुना गया महेन्द्र भल्ला का यह नाटक हमारे समय के उन रेशों को पकड़ने की एक ज़बरदस्त कोशिश है, जहाँ स्त्री-पुरुष सम्बन्धों के तनाव हैं, उनके बीच बच्चों और किशोरों का 'फँसा' हुआ जीवन है, और एक अलगाव झेल रहे बुजुर्गों की आन्तरिक कथा है, जिनकी सन्ततियों की फिर अपनी अन्तःकथाएँ हैं। और सबसे ऊपर यह कि तमाम त्रासद और कॉमिक-सी स्थितियों के बीच मनुष्य की गरिमा को नये सिरे से रेखांकित करने का यत्न है। कुछ मध्यवर्गीय परिवारों के प्रसंग से महानगरीय जीवन के बहुतेरे नये-पुराने रंग भी इस नाटक में सहज ही उभरते हैं, पर कुल मिलाकर तो इसके घटनाक्रम में मनुष्य की कुछ बुनियादी आकांक्षाओं, स्वप्नों और अस्तित्वगत स्थितियों की एक नयी पड़ताल है। मनुष्य मात्र के प्रति शुभेच्छाओं की एक करुण-धारा भी इसकी कथा-अन्तःकथा में प्रवाहित है, जो इसे कई तरह के तनावों के बीच भी द्रवित रखती है—बिना किसी तरह की भावुकता को पोसे हुए। निश्चय ही 'दिमाग़े हस्ती दिल की बस्ती है कहाँ? है कहाँ?' एक ऐसी कृति है जो बाँधती है। विचलित करती है। कई काले-अँधेरे कोनों को उजागर करती हुई, कई प्रसंगों में मानव-मन के आन्तरिक सौन्दर्य को भी सहज ही उभारती है। महेन्द्र भल्ला का कथाकार उपन्यासकार और कवि रूप, हिन्दी में अपनी एक अलग पहचान रखता है। और उनका यह नाटक भी अपने लिए एक विशिष्ट स्थान का अधिकारी है। सुपरिचित रंगकर्मी राम गोपाल बजाज के कुशल और सन्धानी निर्देशन में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के रंगमण्डल ने इसे देश के विभिन्न अंचलों में मंचित किया है, और यह सभी जगह प्रशंसित चर्चित हुआ है।—प्रयाग शुक्ल
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    Specifications
    Book Details
    Imprint
    • Jnanpith Vani Prakashan
    Publication Year
    • 2010
    Contributors
    Author Info
    • महेन्द्र भल्ला - जन्म: 31 दिसम्बर, 1933, श्री हरगोविन्दपुर, ज़िला गुरुदासपुर (पंजाब)। शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी)। प्रकाशन: 'एक पति के नोट्स', 'दूसरी तरफ़', ‘उड़ने से पेशतर', 'दो देश और तीसरी उदासी' (उपन्यास); 'तीन-चार दिन', 'पुल की परछाईं' (कहानी-संग्रह); 'उस चीज़ के ऐन आमने-सामने', 'दुश्मन और दुश्मन—एक प्रेम कहानी', 'ज़िन्दगी से नीचे-नीचे', 'दिमाग़े हस्ती दिल की बस्ती है कहाँ? है कहाँ?' (नाटक)। कविताएँ भी लिखते हैं। 'दिमाग़े हस्ती दिल की बस्ती है कहाँ? है कहाँ?' तथा 'उस चीज़ के ऐन आमने-सामने' राष्ट्रीय नाट्यविद्यालय, दिल्ली के रंगमंडल द्वारा मंचित। 1949 से दिल्ली में। बीच में 1968 से 1972 तक इंग्लैण्ड में रहे।
    Dimensions
    Height
    • 220 mm
    Length
    • 140 mm
    Weight
    • 200 gr
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