भारतीय साहित्य में राम के जीवन चरित पर अनेक भाषाओं में राम कथा “रामायण” के नाम से अति लोकप्रिय रही है। मराठी के विख्यात कवि ग़० दि० माडग़ूलकर द्वारा रचित “गीत रामायण” भी उसी शृंखला में है और बहुत प्रसिद्ध है। इसका हिंदी भाषा में अनुवाद प्रखर साहित्यकार गोवा के श्री दत्तप्रसाद जोग ने किया।
इस हिंदी गीत रामायण को गोवा के प्रसिद्ध गायकों द्वारा अनेकों कार्यक्रमों में भी गाया जा रहा है!
अब इसका नया संस्करण रिगी पब्लिकेशन द्वारा प्रकाश में लाया गया है। उल्लेखनीय है कि मूल, लेखक के समान श्री. दत्तप्रसाद भी एक मराठी कवि हैं इनका किया गया यह हिंदी अनूदित कार्य उत्कृष्ट अनुवाद का एक उदाहरण है। श्री जोग का अनुवाद पूर्णरूपेण मूल सा ही है। यहाँ तक कि इसका गायन स्तर भी गेयता और लय में उसी समान है जैसा सुधीर फड़के की संगीत रचना में था।
मुझे विश्वास है कि मराठी सुगम संगीत की भाँति श्री जोग का यह संस्करण हिंदी सुगम संगीत में भी वैसा लोकप्रिय होने की सम्भावनाओं से युक्त है।
मैं श्री जोग के इस महत्वपूर्ण साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें साधुवाद और शुभ आशीष देता हूँ ।
हरीश नवल
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