जूझ -
जूझ मराठी के प्रख्यात कथाकार डॉ. आनन्द यादव का बहुचर्चित एवं बहुप्रशंसित आत्मकथात्मक उपन्यास है। साहित्य अकादेमी पुरस्कार (1990) से सम्मानित इस उपन्यास को मराठी के साहित्यकारों, समीक्षकों और सुधी पाठकों की भरपूर सराहना मिली है। दरअसल, आत्मकथात्मक उपन्यास की विधा को सार्थक आयाम देते हुए आनन्द यादव ने अपने इस आंचलिक उपन्यास में मानवीय मूल्यों को गहरी कथात्मक संवेदना के साथ नयी कलात्मक अभिव्यक्ति दी है।
जूझ एक किशोर के देखे और भोगे हुए गँवई जीवन के खुरदरे यथार्थ और उसके रंगारंग परिवेश की अत्यन्त विश्वसनीय जीवन्त गाथा है। इस आत्मकथात्मक उपन्यास में विकट जीवन का मर्मस्पर्शी चित्रण तो है ही, इसमें अस्त-व्यस्त—लेकिन अलमस्त निम्नमध्यवर्गीय ग्रामीण समाज और लड़ते-जूझते किसान-मज़दूरों के हाहाकारी संघर्ष की भी अनूठी झाँकी है।
अपने कथानक, भाषा और शैली-शिल्प तथा एक मूल्यवान जीवनानुभव के लिए विख्यात यह उपन्यास हिन्दी के पाठकों को भी अभिभूत करेगा, यह विश्वास है।
Read More
Specifications
Book Details
Publication Year
2001
Contributors
Author Info
डॉ. आनन्द यादव -
महाराष्ट्र के कोल्हापुर ज़िले के कागल नामक स्थान में 30 नवम्बर, 1935 को जन्म।
मराठी साहित्य में एम.ए. एवं पीएच.डी. 1995 में पुणे विद्यापीठ के मराठी विभाग के अध्यक्ष पद से अवकाश ग्रहण।
उपन्यास, कविता, समालोचनात्मक निबन्ध आदि विभिन्न साहित्यिक विधाओं में अब तक 35 पुस्तकें प्रकाशित।
मराठी साहित्य के वैचारिक पक्ष को अपनी मौलिक चिन्तन क्षमता से पुष्ट करते हुए मराठी के आंचलिक साहित्य के आन्दोलन की सशक्त नींव डालने का महत्त्वपूर्ण कार्य सम्पादन।
विभिन्न विधाओं की पुस्तकों के लिए अबतक अनेक शासकीय एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त। जूझ के लिए 1990 के साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
हिन्दी, उर्दू, कन्नड़, बांग्ला, अंग्रेज़ी, जर्मन आदि भाषाओं में अनेक साहित्य-कृतियाँ अनूदित।
Safe and Secure Payments.Easy returns.100% Authentic products.