जैसे-जैसे समय चलता है, कुछ शब्द मन की गहराई से बाहर आते हैं- जो नीरस हो जाते हैं, कभी गद्य, कभी-कभी रश्म करते हैं। कई प्रासंगिक कार्यक्रम मन को जगाते हैं। मानव की समस्याएं। अंतरात्मा और चेतना जागृत होती है। .सा कई सालों से चल रहा है। पेज फुल होने के बाद पेज। प्रकृति, मानव आंदोलन, विभिन्न समकालीन कार्यक्रम मन को परेशान कर रहे हैं। कविता के रूप में खुशी, क्रोध, संतुष्टि या असंतोष व्यक्त किए जाते हैं। विभिन्न स्वादों के विभिन्न रंगों की कविताओं का इतना रंगीन कलेक्शन।
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Specifications
बुक
कबिताबितन || ममता बनर्जी || साहित्य एकेडमी अवॉर्ड विनिंग बुक
ऑथर
ममता बनर्जी
बाइंडिंग
हार्डकवर
पब्लिशिंग की तारिख
2022
पब्लिशर
डेज़ पब्लिशिंग
नंबर ऑफ पेज
1000
लैंग्वेज
बंगाली
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