मानव एक सामाजिक प्राणी है। व्यवहारिक जीवन के बहाव में मानव के विचारों की कश्ती कभी सुकून से तैरती है और कभी हिचकौले खाती है। कभी हवा संग बहती है और कभी हवा के विरुद्ध हिम्मत जुटाती है। विचारों की कश्ती अभिव्यक्ति के साहिल से टकराती है और शब्दों की ध्वनि व्यक्त होती है। उसी की प्रतिध्वनि है 'कविता के रूप में मेरे एहसास'।
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Specifications
Book Details
Publication Year
2023
Contributors
Author Info
नाम : उमेश चंद्र शर्मा, 64 वर्ष
व्यवसाय : सेवा निवृत बैंक प्रबंधक
निवास : दिल्ली निवासी, मूल रूप से हिमाचल प्रदेश
लेखन : कार्य व्यस्तता में कहीं बिखर कर खो गया कविता
लेखन का शौक सेवा निवृति के बाद परवान चढ़ा।
विभिन्न विषयों पर कई कवितायों का संकलन। प्रेरक
व व्यवहारिक विचार लिखना, व्यक्त करना।
जीवन मन्त्र : 'इन पलों को जियो'