Marghat / मरघट

Marghat / मरघट  (पेपर बैक)

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      डिलीवरी7 जुलाई, सोमवार
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    लेखक
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    Highlights
    • बाइंडिंग: पेपर बैक
    • ISBN: 9798887047461
    • पेजेज़: 58
    सर्विस
    • कैश ऑन डिलीवरी उपलब्ध
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    Seller
    Repro Books on Demand
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  • जानकारी
    मरघट : जहान जिंदा भी मुर्दा हो जाते है। समय बादलता है और समय के साथ मानव का वैभव और रहन-सहन भी बादलता है। बह उन्नति करता है, लेकिन बात को मानने से हमेशा इन्कार है करता है की सामान के साथ-साथ कुछ शक्तियां भी उन्नति करती है। बहुत अपने शिकार को नहीं और अनोखी तरिके से शिकार बनती है। यह कहानी एक इंसान के बारे में है, जिसका नाम रवि है। उसके साथ भी कुछ ऐसा ही होता है और उसका करन एक टेलीविजन होता है। जिस तरह से बह ख़रीदकर घर लगता है। उसके साथ क्या होता है, जाने के लिए पढ़े याह कहानी।
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    Specifications
    बुक डिटेल्स
    इम्प्रिन्ट
    • नोशन प्रेस, इंक
    डायमेंशन्स
    चौड़ाई
    • 2 mm
    ऊंचाई
    • 203 mm
    लेंथ
    • 127 mm
    वज़न
    • 45 gr
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    सुपर !

    बहुत हॉरर कॉमेडी नाइट्स । 🤣
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    Raja Ganjhu

    Certified Buyer, Khelari

    4 महीने पहले

    1
    0
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    1

    बहुत ही घटिया

    It is Total Waste of time to Read this Book. Story Bina Sar Paer Ki Hai..Kahani Kaha Shuru Ho Rahi Hai Aur Kaha Khatam Kuch Bhi Nahi aaya Samajh Mein..

    Bilkul Mat Lena.
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    Aniket Kumar

    Certified Buyer, Amritsar

    6 महीने पहले

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