निरुक्त के पांच अध्याय (1, 2, 3, 4 और 7) को प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान Pt द्वारा संपादित, अनुवाद और समझाया गया है। प्रस्तुत पुस्तक शोधकर्ताओं और गंभीर विद्वानों को संतुष्ट करने में सक्षम है। इस किताब में लेखक की स्कॉलरशिप की पूरी मैच्योरिटी हुई है।
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Specifications
बुक
निरुकता के पांच अध्याय (1,2,3,4 एंड 7 अध्याय)
ऑथर
पंडित श्री शिव नारायण शास्त्री
बाइंडिंग
हार्डकवर
पब्लिशिंग की तारिख
2021
पब्लिशर
परिमल पब्लिकेशंस डेल्ही
नंबर ऑफ पेज
668
लैंग्वेज
संस्कृत
Manufacturing, Packaging and Import Info
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