इस पुस्तक में वैदिक साहित्य, निघंटु और निरुक्त के सभी साहित्य के आधार पर व्याख्या से संबंधित सिद्धांतों और लेखकों को पेश किया गया है। प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान Pt. श्री शिवनारायण शास्त्री ने इस पुस्तक में गहराई से शोध किया गया ज् ान प्रस्तुत किया है। प्रस्तुत पुस्तक शोधकर्ताओं और गंभीर विद्वानों को संतुष्ट करने में सक्षम है। इस किताब में लेखक की स्कॉलरशिप की पूरी मैच्योरिटी हुई है।
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Specifications
बुक
निरुकता मिमानसा
ऑथर
पंडित श्री शिव नारायण शास्त्री
बाइंडिंग
हार्डकवर
पब्लिशिंग की तारिख
2021
पब्लिशर
परिमल पब्लिकेशंस डेल्ही
नंबर ऑफ पेज
490
लैंग्वेज
संस्कृत
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