प्रेम सत्संग सुधा माला / सतसंह माला तथा ज् ान मणिमाला भारत के प्रसिद्ध संत और विद्वान श्री रामसुख दास जी (भाई जी) द्वारा आध्यात्मिक प्रवचनों का एक कलेक्शन है। पुस्तक में वेदों, उपनिषदों, भगवद गीता, रामायण और अन्य शास्त्रों की शिक्षाओं का सार है, साथ ही भक्ति, सेवा और ज् ान का जीवन जीने के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शन है। पुस्तक को दो भागों में विभाजित किया गया है: प्रेम सत्संग सुधा माला, जो प्रेम, विश्वास, आत्मसमर्पण और अनुग्रह के विषयों से संबंधित है; और सतसंह माला तथा ज् ान मणिमाला, जो ज् ान, अलगाव, भेदभाव और मुक्ति के विषयों से संबंधित है। किताब सरल और स्पष्ट हिंदी भाषा में लिखी गई है,