हम सब मुसाफिर हैं
एक दूसरे की कहानियों में
खुदका अक्स खोजते
बस चले जा रहे हैं
- वेद
ये कविताएँ एक सफर को दर्शाती हैं I इस सफर में जिए जज़्बातों को आपके साथ साझा कर रहा हूँ I
शायद ये कवितायेँ आपको काल्पनिक लगें, पर कल्पना करना और उन कल्पनाओं में जीना भी तो ज़िन्दगी का एक एहम हिस्सा है I जो आपको अपने दायरे के बाहर सोचने पर मजबूर करता है | ये कवितायें मेरी सच्चाई की एक छोटी सी गाथा सुनती हैं I कुछ पुरे, तो कुछ अधूरे एहसासों को ज़ुबान देती हैं ये नज़्में I ज़रा गौर से सुनियेगा, शायद ये बोल पढ़ें I
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Specifications
Book Details
Publication Year
2022 SEPTEMBER
Number of Pages
43
Contributors
Author Info
लेखक, झीलों के शहर भोपाल से हैं I पर ख्वाबों के रेल पकड़ के कुछ साल पहले मुंबई पहुँच गए I वहाँ अपने शब्दों को advertising के ज़रिये लोगों तक पहुंचते हैं I ये उनकी दूसरी किताब हैI
जनम मध्य प्रदेश के एक छोटे से ज़िले विदिशा में हुआ I एमिटी यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढाई की, और सिम्बायोसिस (SIMC) पुणे से मास्टर्स डिग्री हासिल की I
आप उन्हें Vedansh.shrivastava256@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं, या फिर Instagram पर @ved_kavi पर फॉलो कर सकते हैं I
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