Sanskriti Aur Samaj
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Sanskriti Aur Samaj (Hardcover, Subhash Sharma)

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Sanskriti Aur Samaj  (Hardcover, Subhash Sharma)

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लेखक
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Highlights
  • Binding: Hardcover
  • Publisher: Bharatiya Jnanpith -Vani Prakashan
  • Genre: Criticism
  • ISBN: 9789326352109
  • Edition: 1st, 2013
  • Pages: 174
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  • जानकारी
    संस्कृति और समाज - संस्कृति किसी मानव-समाज में लम्बे कालखण्ड में निर्मित होती है क्योंकि मनुष्य अपनी जीवन शैली में विभिन्न आयामों को परिष्कृत करता रहता है। यह संस्कृति ही है जो मनुष्य को समाज के नियमों और मूल्यों को स्वतः अपनाने की प्रेरणा देती है, क्योंकि इसका मौलिक गुण समरसता स्थापित करना होता है। यह ध्यातव्य है कि संस्कृति में सहयोग के साथ-साथ संघर्ष के बीज भी निहित होते हैं। यह एक ओर परम्पराओं को चालू रखना चाहती है तो दूसरी ओर आधुनिकता की लहरों को भी शनैः शनैः स्वीकार करती है। अस्तु, यह कई परम्पराओं को काटती, छाँटती और बदलती रहती है। एक और बात, भाषा किसी संस्कृति का मुख्य वाहक होती है। किसी समाज की संस्कृति को जानने-समझने के लिए वहाँ की भाषा या भाषाओं को जानना ज़रूरी है। यद्यपि भूमण्डलीकरण की आँधी के कारण कई छोटे-मोटे समुदायों-समाजों की प्राचीन भाषाएँ और उनकी लिपियाँ लुप्त हो रही हैं, अतः इस पुस्तक में भाषाओं का क्षरण और मरण भारी चिन्ता का विषय मानकर विश्लेषण किया गया है। इन दिनों विभिन्न संस्कृतियों के मेल-जोल और उपभोक्तावाद की बढ़ती हुई प्रवृत्ति के कारण भारतीय संस्कृति में अनेक दूषित तत्त्व प्रवेश कर गये हैं। ऐसे में विभिन्न संस्कृतियों का मिश्रण सुखद व हितकारी तभी हो सकता है जब उनके लिए समान भावभूमि निर्मित हो। विद्वान लेखक ने संस्कृति के विभिन्न सैद्धान्तिक और व्यावहारिक पक्षों का इस कृति में सम्यक् रूप से विशद विश्लेषण किया है। आशा है, संस्कृति और समाज के सजग अध्येता पाठक इस कृति से अवश्य ही लाभान्वित होंगे।
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    Specifications
    Book Details
    Publication Year
    • 2013
    Contributors
    Author Info
    • सुभाष शर्मा - जन्म: 20 अगस्त, 1959, सुल्तानपुर (उ.प्र. )। शिक्षा: एम.ए., एम.फिल., पीएच.डी. (समाज शास्त्र)। प्रकाशित कृतियाँ : 'अंगारे पर बैठा आदमी', 'ज़िन्दगी का गद्य', 'हम भारत के लोग' (कविता संग्रह) तथा 'दुश्चक्र', 'बेज़ुबान', 'भूख तथा अन्य कहानियाँ' (कहानी संग्रह)। विभिन्न पत्रिकाओं में कई कहानियाँ प्रकाशित। भारत में बाल मज़दूर, भारतीय महिलाओं की दशा, भारत में शिक्षा व्यवस्था, शिक्षा और समाज, हिन्दी समाज, कायान्तरण तथा अन्य कहानियाँ (फ्रांत्स काफ़्का की कहानियों का अनुवाद), मवेशीवाड़ा (जार्ज ऑर्वेल के उपन्यास 'द एनिमल फ़ार्म' का अनुवाद), अँधेरा वहाँ भी है (विश्व की श्रेष्ठ कहानियाँ), भारत के महान वैज्ञानिक, व्हाइ पीपल प्रोटेस्ट, डायलेक्टिक्स ऑफ़ एग्रेरियन डेवलपमेंट, कुँअर सिंह एवं 1857 की क्रान्ति तथा भारत में मानवाधिकार कई कहानियों का बांग्ला, उर्दू, अंग्रेज़ी, ओड़िया आदि में अनुवाद। बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, राजभाषा विभाग, बिहार सरकार से पुरस्कृत एवं सम्मानित।
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