Shabdon Mein Prashna "शब्दों में प्रश्न" | Subhash Mishra Book in Hindi

Shabdon Mein Prashna "शब्दों में प्रश्न" | Subhash Mishra Book in Hindi (Paperback, Subhash Mishra)

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Shabdon Mein Prashna "शब्दों में प्रश्न" | Subhash Mishra Book in Hindi  (Paperback, Subhash Mishra)

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    लेखक
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    Highlights
    • Binding: Paperback
    • Publisher: Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
    • ISBN: 9788119758708
    • Edition: 1st, 2024
    • Pages: 496
    सर्विस
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  • जानकारी
    सुभाष मिश्र की पत्रकारिता की दुनिया में उपस्थिति और सक्रियता को लगभग चालीस बरस हो गए हैं। में खुद पिछले बीस बरसों में उनकी पत्रकारिता में मानवीय जीवन के व्यापक सरोकारों पर, व्यक्ति और समाज के अंतर्विरोधों पर, सत्ता, व्यवस्था और व्यक्ति के तनावों पर उनके लिखे गए को पढ़ता आया हूँ। उनकी लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति चिंताओं, उन मूल्यों को बचाए जाने की जिद और जरूरत ने हमेशा ही मेरे मन को छुआ है । इतिहास के फैसलों और फासलों पर ठहरती-ठिठकती उनकी कलम वह भी बताती है कि उनको अपने आसपास को अपने पास- पड़ोस को कितनी खुली, पैनी और गहरी नजरों से देखना आता है । अपने परिवेश और पर्यावरण को पकड़ती हुई उनके लिखे गए की पंक्तियाँ एक तरफ उनकी जागरूकता का परिचय देती है, तो दूसरी तरफ उनकी उस सहानुभूति, समानुभूति से हमारी पहचान कराती हैं, जो समाज और व्यक्ति के लिए उनके मन में रची-बसी रही है। जीवन और जगत्‌ को लेकर उनको बौद्धिक जिज्ञासाएँ भावनात्मक सतर्कता उनकी पत्रकारिता को कामचलाऊ, तात्कालिक पत्रकारिता से दूर ले जाती हैं । यही वह बात है, जो उनकी पत्रकारिता को साहित्य के करीब खड़े किए जाने का प्रयत्न करते हुए बताती है। उनको पढ़ते हुए हमें साहित्य और पत्रकारिता के अंतर्सबंधों का खयाल भी सताता है।
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    Specifications
    Book Details
    Publication Year
    • 2024 2024
    Number of Pages
    • 496
    Contributors
    Author Info
    • सुभाष मिश्र जन्म : 10 नवंबर, 1958, वारासिवनी, जिला-बालाघाट (म.प्र.) | शिक्षा : हिंदी स्नातकोत्तर एवं पत्रकारिता में स्नातक। वर्तमान में हिंदी दैनिक समाचार- पत्र 'आज की जनधारा' तथा 24/7 सेटेलाइट चैनल “एशियन न्यूज चेनल' के प्रधान संपादक । प्रकाशन : 'एक बटे ग्यारह! (व्यंग्य- संग्रह), 'दूषित होने की चिंता' (लेख एवं टिप्पणियों का संग्रह), "मानव अधिकारों का मानवीय चेहरा ', 'कुछ लिखा गया, कुछ बोला गया', 'परसाई का लोक शिक्षण ' पुस्तिका का संपादन, परसाईजी की बहुत सी रचनाओं का नाट्य रूपांतरण | शासकीय दायित्वों के निर्वहन के दौरान बहुत से महत्त्वपूर्ण प्रकाशन, साक्षरता न्यूज पेपर, पत्रिका का संपादन। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में महाप्रबंधक पद पर रहते हुए छत्तीसगढ़ की महान्‌ विभूतियों के प्रेरक प्रसंग पर आधारित 75 से अधिक चित्र कथाओं का प्रकाशन। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की पत्रिका ' पंचमन ' का संपादन। रंगकर्मी, नाट्य लेखक एवं संस्कृतिकर्मी के रूप में राष्ट्रीय पहचान। हबीब तनवीर राष्ट्रीय नाट्य समारोह के संयोजक । छत्तीसगढ़ फिल्‍म एंड विजुअल आर्ट सोसायटी के अध्यक्ष । अनेक सांस्कृतिक-कला संस्थाओं से सक्रिय संबद्धता ।
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