दुर्गासप्तशती को हिंदू धर्म का धार्मिक ग्रंथ अच्छी तरह से स्वीकार किया जाता है। दुर्गासप्तशती देवी भगवती की धन्य कहानी के साथ धार्मिक रहस्य से भरी है। इच्छा और इच्छाहीन दोनों से प्रेरित भक्त इस पुस्तक को बड़ी श्रद्धा के साथ पाठ करते हैं और अपने मनचाहे लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। पुस्तक में यह कवचा, अर्गल, किलाका, वैदिक और तांत्रिका के साथ इसका पाठ करने की प्रक्रिया है रत्नसुक्त, देवयथर्वशीर्ष, नवार्ण विधि, मूल पाठ, दुर्गाष्टोत्तरनमस्तोत्र, श्री दुर्गामणस पूजा, तीनों रहस्य (गुप्त), क्षमा की प्रार्थना (क्षमा प्रार्थना), सिद्धिकुंजिकास्तोत्र और मूर्ति के सामने प्रकाश लहराते हैं।