Wahi Ruk Jaate
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Wahi Ruk Jaate (Hardcover, Narendra Nagdev)

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Wahi Ruk Jaate  (Hardcover, Narendra Nagdev)

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    Highlights
    • Binding: Hardcover
    • Publisher: Bharatiya Jnanpith-Vani Prakashan
    • Genre: Short Stories
    • ISBN: 9789355186492
    • Edition: 2nd, 2010
    • Pages: 120
    सर्विस
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    VaniPrakashan
    3.9
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  • जानकारी
    वहीं रुक जाते - हिन्दी के प्रतिष्ठित कथाकार नरेन्द्र नागदेव की नवीनतम कहानियों का संग्रह है 'वहीं रुक जाते'। कथाकार ने इनमें मानवीय मूल्यों के विघटन से लेकर सर्वग्राही भौतिकतावाद और उससे उत्पन्न आँच में झुलसती संवेदनाओं का जीवन्त चित्रण किया है। उनकी कहानियों में पात्रों के अन्तर्मन ऊपरी तौर पर जहाँ एक ओर अपने परिवेश से संघर्षरत हैं वहीं स्वयं अपने से भी। कथ्य के सुनियोजित संयोजन के साथ ही कहानियों का एक आत्मीय सफ़र जारी रहता है— यथार्थ और फैण्टेसी के बीच, सही और ग़लत के बीच, वर्तमान और अतीत के बीच। नागदेव की ये कहानियाँ कहीं सामाजिक सन्दर्भों को छूती हुईं मानवीय मूल्यों की प्रश्नाकुलता में विराम लेती हैं तो कहीं वैयक्तिक अनुभव के सामाजिक सन्दर्भों में। शिल्प की महीन बुनावट हो या भावनात्मक स्पर्श वाली मोहक भाषा हो— हर दृष्टि से एक भिन्न धरातल पर खड़ी कहानियों का संकलन है— 'वहीं रुक जाते'। नरेन्द्र नागदेव का यह कहानी-संग्रह प्रकाशित करते हुए भारतीय ज्ञानपीठ को प्रसन्नता है।
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    Specifications
    Book Details
    Publication Year
    • 2010
    Contributors
    Author Info
    • नरेन्द्र नागदेव - जन्म: उज्जैन (म.प्र.)। आरम्भिक शिक्षा: उज्जैन में। सर जे. जे. कॉलेज ऑफ़ आर्किटेक्चर; मुम्बई से 1966 में आर्किटेक्चर में डिग्री। नयी दिल्ली में आर्किटेक्ट की हैसियत से कई महत्त्वपूर्ण इमारतों की डिज़ाइन तथा इण्टीरिअर डिज़ाइन से सम्बद्ध। 1978 से 1981 के बीच विदेश में आर्किटेक्ट तथा विस्तृत यूरोप भ्रमण। प्रकाशित कृतियाँ: तमाशबीन, उसी नाव में, बीमार आदमी का इक़रारनामा, वापसी के नाख़ून, सैलानी, (कहानी-संग्रह) और अन्वेषी (उपन्यास)। पुरस्कार: कादम्बिनी कहानी प्रतियोगिता— 83 में प्रथम पुरस्कार। उपन्यास 'अन्वेषी' के लिए म.प्र. साहित्य परिषद् का कृति पुरस्कार। कहानी-संग्रह 'बीमार आदमी का इक़रारनामा' के लिए हिन्दी अकादमी, दिल्ली का 'साहित्यिक कृति सम्मान' (98-99 )। चित्रकला में विशेष प्रवीणता। ऑल इंडिया फ़ाइन ऑर्ट्स सोसायटी, नया दिल्ली का वार्षिक पुरस्कार। अखिल भारतीय कालिदास प्रदर्शनी, उज्जैन में दो बार पुरस्कृत।
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