ये कहानी है चार बैंकर दोस्त गोपाल, सतीश, अनिल और श्याम की। एक दिन श्याम के कहने पर चारों पार्टी करने का प्रोग्राम बनाते हैं। रविवार के दिन सभी गोपाल के रुम पर पार्टी करते हैं। लेकिन अगली सुबह श्याम की गर्लफ्रेन्ड स्वाती की लाश गोपाल के कमरे पर मिलने से चारों की जिन्दगी उथल-पुथल हो जाती है। स्वाती के खून की गुत्थी सुलझाने के क्रम में दोस्तों के कई अनकहें और अनचाहें राज परत-दर-परत खुलते चले जाते हैं, जो वो अब तक एक-दूसरे से छिपा रहे थे। स्वागत है आपका एक रहस्यमयी और रोमांचकारी उपन्यास 'खून' में जो आपको सच जानने के लिये मजबूर कर देगा।