'गज़ल गगरी' में, गगरी का तात्पर्य छोटे घड़े से है, यानी सीमित जगह में ग़ज़ल के तमाम रंग भरने की कोशिश ही 'ग़ज़ल गगरी' है। इसमें राम, कृष्ण और बुद्ध की जमीन वाला महान भारत है, प्रेम की परिभाषा है, आदमी के अनेकों रंग हैं, और नारी के बिना जीवन की कल्पना भी है। इसमें युवा पीढ़ी के लिए संदेश है, मय मीना और साकी की बात है, दुनियां में हो रहे बदलाव की झलक है, तो पाठकों को प्यार मुहब्बत में हास्य का पुट लिए कुछ मनोविनोद की सामग्री भी मिलेगी। चल रही है जिंदगी, खुशियों का खजाना, इनकी उनकी बातें, और मुंह बंद रखने की सलाह भी है। कैसे निभाएं उससे, आईना देखकर चकरा गये, लुका छिपी वाली मुहब्बत,
मैं गीत- तुम ग़ज़ल, याद करने के लिए यारियां और गम के पीछे ही खुशी है, जैसे अनगिनत हृदय स्पर्शी रंग 'ग़ज़ल गगरी' में भरने का पूरा प्रयास किया गया है।
.......✍️ सत्य कुमार प्रेमी