किताब के बारे मे: रूस में पच्चीस मास राहुल सांकृत्यायन का यात्रा-वृत्तांत है जिसमें उन्होंने रूस में अपने पच्चीस महीने के अनुभवों का विस्तृत विवरण किया है। सांकृत्यायन ने इस पुस्तक में रूस की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक स्थितियों का गहराई से अध्ययन किया है विशेष रूप से बोल्शेविक क्रांति के बाद के दौर में। उन्होंने वहां के लोगों, उनके विचारों, जीवनशैली और समाज में हो रहे बदलावों का सजीव चित्रण किया है। यह कृति रूस के साम्यवादी प्रयोग और भारतीय संदर्भ में उनके प्रभाव को समझने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। लेखक के बारे में: राहुल सांकृत्यायन (1893-1963) हिंदी साहित्य के महान लेखक और बहुभाषा विद थे जिन्हें महापंडित की उपाधि प्राप्त थी। उन्होंने यात्रा साहित्यए बौद्ध धर्म और विश्व-दर्शन पर महत्वपूर्ण कार्य किए। उनका सबसे प्रसिद्ध योगदान हिंदी यात्रावृत्तांत और बौद्ध धर्म पर गहन शोध है। उन्होंने तिब्बत, श्रीलंका , मध्य-एशिया और रूस सहित कई देशों की यात्राएं की और उन अनुभवों को अपनी कृतियों में संजोया। उनकी प्रमुख कृतियाँ जैसे वोल्गा से गंगा, मेरी जीवन यात्रा और यूरोप यात्रा साहित्यिक दृष्टि से अमूल्य हैं। सांकृत्यायन का कार्य सामाजिक धार्मिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण रहा। The Title 'रूस में पच्चीस मास (Roos Me Pachees maas) written/authored/edited by राहुल सांकृत्यायन (Rahul Sankrityayan)', published in the year 2025. The ISBN 9789369202188 is assigned to the Hardcover version of this title. This book has total of pp. 433 (Pages). The publisher of this title is Gyan Publishing House. This Book is in Hindi. The subject of this book is History. Size of the book is 14.34 x 22.59 cms.
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Specifications
Publication Year
2025
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