Tum Haan Bilkul Tum

Tum Haan Bilkul Tum  (Hardcover, Bai Juyi)

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Highlights
  • Binding: Hardcover
  • Publisher: Bharatiya Jnanpith-Vani Prakashan
  • Genre: Poetry
  • ISBN: 9789355187734
  • Edition: 1st, 1991
  • Pages: 128
Description
तुम! हाँ, बिल्कुल तुम - इन कविताओं के रचयिता, कवि-प्रशासक बाइ जूई का जन्म लगभग बारह सौ वर्ष पूर्व सन् 772 ई. में चीन के हेनान प्रदेश के ज़िन्ज़ेंग नामक स्थान पर हुआ। उसकी प्रारम्भिक कविताएँ चौदह वर्ष की आयु में सन् 786 में प्रकाशित हुईं। सन् 800 ई. में बाइ जूई चीनी साम्राज्य की उच्चतम प्रशासनिक सेवा की प्रतियोगी परीक्षा 'जिनशी' में उत्तीर्ण हो कर राजकीय सेवा में आया। अगले पैंतीस वर्षों तक सम्राट के दरबार के कई उच्च पदों के अतिरिक्त वह जौंगजू, हैंगजू, सूजू और हेनान प्रान्तों का प्रशासक भी रहा। सन् 835 में अस्वस्थता के कारण उसने सेवानिवृति ले ली। बाइ जूई का देहावसान चौहत्तर वर्ष की आयु में सन् 846 में हुआ और उसके पार्थिव अवशेष लू-यांग के निकट दफ़न हैं। बाइ जूई को राजकीय सेवा के दौरान अपनी स्पष्टवादिता के कारण अक्सर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। किन्तु नवीं शताब्दी चीन के घोर सामन्तवादी वातावरण में भी वह आम आदमी और ग़रीबों का पक्षधर रहा, और अपने युग का लोक कवि कहलाया। सामाजिक और आर्थिक शोषण के विरूद्ध और प्रकृति प्रेम से प्रेरित उसकी कविताएँ आज भी उतनी ही सन्दर्भयुक्त लगती हैं जितना वे उसके युग में रही होंगी। बाइ जूई की तीन हज़ार से अधिक कविताओं में से दो सौ कविताओं का प्रमाणिक अंग्रेज़ी रूपान्तरण रेवी ऐली ने किया है।
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Specifications
Book Details
Publication Year
  • 1991
Contributors
Author Info
  • प्रियदर्शी ठाकुर 'ख़याल' - 9वीं शताब्दी चीन के कालजयी कवि बाई जूई की 200 कविताओं के बहुचर्चित हिन्दी अनुवादक प्रियदर्शी ठाकुर 'ख़याल' की ग़ज़लों, नज़्मों और कविताओं के छः संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। 'ख़याल' ने नोबेल विजेता ओरहान पामुक के उपन्यास 'स्नो' का हिन्दी अनुवाद भी किया है, जो पेंगुइन (इंडिया) से प्रकाशित है। प्रियदर्शी ठाकुर 'ख़याल' का जन्म 1946 में हुआ, और वे दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा में लगभग 40 वर्षों तक कार्यरत रहने के बाद भारत सरकार में सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए। अब वे पूर्णकालिक रूप से लेखन और अनुवाद कार्य को समर्पित हैं। 'ख़याल' उर्दू के जाने-माने वेबसाइट रेख़्ता डॉट ऑर्ग में सम्मिलित शायर हैं, और उनकी ग़ज़लें स्व. जगजीत सिंह, उस्ताद अहमद हुसैन-मोहम्मद हुसैन, डॉ. सुमन यादव आदि ख्याति प्राप्त गायकों ने गायी हैं। 'यादों के गलियारे में' 'ख़याल' की 2005 से 2015 के बीच लिखी ग़ज़लों, नज़्मों और कविताओं का संकलन है।
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