Yuvako! Utho, Jago

Yuvako! Utho, Jago  (Hindi, Paperback, Vivekananda Swami)

4.4
37 Ratings & 0 Reviews
Special price
₹183
300
39% off
i
Coupons for you
  • Special PriceGet extra 5% off upto ₹25 on 1 item(s) (price inclusive of cashback/coupon)
    T&C
  • Available offers
  • Special PriceGet extra 12% off (price inclusive of cashback/coupon)
    T&C
  • Bank Offer5% Unlimited Cashback on Flipkart Axis Bank Credit Card
    T&C
  • Delivery
    Check
    Enter pincode
      Delivery by27 May, Tuesday|Free40
      ?
      if ordered before 11:59 PM
    View Details
    Author
    Read More
    Highlights
    • Language: Hindi
    • Binding: Paperback
    • Publisher: Prabhat Prakashan
    • Genre: Fiction
    • ISBN: 9789355629173
    • Edition: 1st, 2024
    • Pages: 152
    Services
    • Cash on Delivery available
      ?
    Seller
    Shivomm
    3.9
    • 7 Days Replacement Policy
      ?
  • See other sellers
  • Description
    स्वामी विवेकानंद केवल संत ही नहीं थे, एक महान्‌ देशभक्त, प्रखर वक्ता, ओजस्वी विचारक, रचनाधर्मी लेखक और करुण मावनप्रेमी भी थे। अमेरिका से लौटकर उन्होंने देशवासियों का आह्वान करते हुए कहा था, “नया भारत निकल पड़े मोची की दुकान से, भड़भूजे के भाड़ से, कारखाने से, हाट से, बाजार से; निकल पड़े झाड़ियों, जंगलों, पहाड़ों, पर्वतों से । और जनता ने स्वामीजी की पुकार का उत्तर दिया; वह गर्व के साथ निकल पड़ी। गांधीजी को आजादी की लड़ाई में जो जन-समर्थन मिला, वह विवेकानंद के आह्वान का ही फल था। इस प्रकार, वे भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम के भी एक प्रमुख प्रेरणास्त्रोत बने । प्रस्तुत पुस्तक 'युवको! उठो, जागो ' में स्वामीजी ने भारत सहित देश- विदेश में वेदांत, धर्म और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु देश भर के युवकों का आह्वान किया है। उन्होंने भारतीय समाज में गहरे पैठी असमानता की भावना के प्रति लोगों को सचेत किया है | युवा शक्ति की पहचान कर उन्हें सही दिशा में प्रवृत्त कर राष्ट्र-निर्माण हेतु उघत करने की दृष्टि से स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचारों की संग्रहणीय पुस्तक ।
    Read More
    Specifications
    Book Details
    Imprint
    • Prabhat Prakashan
    Publication Year
    • 2024 April
    Number of Pages
    • 152
    Contributors
    Author Info
    • स्वामी विवेकानंद स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता में हुआ था । इनका बचपन का नाम नरेंद्रनाथ था। इनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे। इनकी माता श्रीमती भुवनेश्वरी देवीजी धार्मिक विचारों की महिला थीं। बचपन से ही नरेंद्र अत्यंत कुशाग्र बुद्धि के थे पर नटखट थे। परिवार के धार्मिक एवं आध्यात्मिक वातावरण के प्रभाव से बालक नरेंद्र के मन में बचपन से ही धर्म एवं अध्यात्म के संस्कार गहरे पड़ गए। नरेंद्र ने श्रीरामकृष्णदेव को अपना गुरु मान लिया था; उन्होंने ही नरेंद्र को संन्यास की दीक्षा दी। उसके बाद गुरुदेव ने अपनी संपूर्ण शक्तियाँ अपने नवसंन्यासी शिष्य स्वामी विवेकानंद को सौंप दीं, ताकि वह विश्व-कल्याण कर भारत का नाम गौरवान्वित कर सके। भारतवर्ष के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के अग्रदूत बन उन्होंने सनातन धर्म की पताका विश्वभर में फहराई। 4 जुलाई, 1902 को यह महान्‌ तपस्वी अपनी इहलीला समाप्त कर परमात्मा में विलीन हो गया।
    Dimensions
    Width
    • 5.5
    Height
    • 8.5
    Depth
    • 0.2
    Weight
    • 150
    In The Box
    • 1 Book
    Frequently Bought Together
    Yuvako! Utho, Jago
    4.4
    (37)
    ₹173
    300
    42% off
    1 Item
    173
    1 Add-on
    228
    Total
    401
    Ratings & Reviews
    4.4
    37 Ratings &
    0 Reviews
    • 5
    • 4
    • 3
    • 2
    • 1
    • 25
    • 8
    • 0
    • 1
    • 3
    Have you used this product? Be the first to review!
    Be the first to ask about this product
    Safe and Secure Payments.Easy returns.100% Authentic products.
    You might be interested in
    Psychology Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Body, Mind And Spirit Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Popular Psychology Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Philosophy Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Back to top