1984

1984  (Hindi, Paperback, Suri Sanjay)

Be the first to Review this product
Special price
₹252
450
44% off
i
Coupons for you
  • Special PriceGet extra 5% off on 1 item(s) (price inclusive of cashback/coupon)
    T&C
  • Available offers
  • Special PriceGet extra 39% off (price inclusive of cashback/coupon)
    T&C
  • Bank OfferGet 10% off upto ₹50 on minimum order value of ₹250
    T&C
  • Bank Offer5% cashback on Flipkart Axis Bank Credit Card upto ₹4,000 per statement quarter
    T&C
  • Bank Offer5% cashback on Flipkart SBI Credit Card upto ₹4,000 per calendar quarter
    T&C
  • Delivery
    Check
    Enter pincode
      Delivery by13 Sep, Saturday
      ?
      if ordered before 12:59 PM
    View Details
    Author
    Read More
    Highlights
    • Language: Hindi
    • Binding: Paperback
    • Publisher: Prabhat Prakashan Pvt Ltd
    • Genre: Fiction
    • ISBN: 9789355219305
    • Edition: 1st, 2023
    • Pages: 296
    Services
    • Cash on Delivery available
      ?
    Seller
    BestsellingBooks
    4.2
    • 7 Days Replacement Policy
      ?
  • See other sellers
  • Description
    संजय सूरी नई दिल्ली में 'द इंडियन एक्सप्रेस' अखबार के एक युवा क्राइम रिपोर्टर थे, जब 31 अक्तूबर, 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। वह उन चुनिंदा पत्रकारों में शामिल थे, जिन्होंने उसके बाद हुई उस भयंकर और बेकाबू सिख-विरोधी हिंसा को देखा था, जबकि पुलिस ने आँखें बंद कर ली थीं। उन्होंने देखा था, कैसे कांग्रेस के कार्यकर्ता लूट के आरोप में गिरफ्तार एक कांग्रेसी सांसद को रिहा करने की माँग कर रहे थे। रिपोर्टिंग के दौरान वह हत्यारों के गैंग से बाल-बाल बच गए थे। बाद में उन्होंने हलफनामा दायर किया, जिसमें कांग्रेस के दो सांसदों से संबंधित उनकी आँखोंदेखी गवाही शामिल थी, और एक चुनावी रैली में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से सीधा सवाल किया था। नरसंहार की जाँच के लिए गठित कई जाँच आयोगों के सामने भी सूरी ने गवाही दी, हालाँकि उनका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। इस पुस्तक में वह अपने अनुभवों और उस समय अग्रिम मोर्चे पर हिंसा का सामना करनेवाले पुलिस अधिकारियों के व्यापक साक्षात्कारों से हुए ताजा खुलासों का खजाना लेकर आए हैं। सिख विरोधी हिंसा और क्रूरता के पीछे कांग्रेस का हाथ होने के सवाल की यह गहरी छानबीन करती है कि क्यों तीस साल बाद भी जीवित बचे लोगों को न्याय की प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। यह पुस्तक झकझोर देनेवाली घटनाओं का वर्णन विशिष्ट रिपोर्ताज और मर्मस्पर्शी कहानियों को जोड़कर करती है, जो आज भी हमें उतनी ही पीड़ा और वेदना का अनुभव कराती हैं।
    Read More
    Specifications
    Book Details
    Imprint
    • Prabhat Prakashan Pvt Ltd
    Publication Year
    • 2023 2023
    Number of Pages
    • 296
    Contributors
    Author Info
    • संजय सूरी 1990 से ही लंदन से पत्रकारिता करते रहे और वर्तमान में यूरोप के लिए सी.एन.एन.-आई.बी.एन. टेलीविजन के राजनीतिक संपादक हैं। जालंधर में जनमे संजय सूरी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ऐंड पॉलिटिकल साइंस से सामाजिक और संगठनात्मक मनोविज्ञान में एम.एससी. किया है। वह 'ब्राइडलेस इन वेंबली' के लेखक भी हैं, जिसे वर्ष 2006 में हच क्रॉसवर्ड बुक अवॉर्ड के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था।
    Dimensions
    Width
    • 17 mm
    Height
    • 216 mm
    Length
    • 140 mm
    Depth
    • 2
    Weight
    • 376 gr
    Frequently Bought Together
    1984
    ₹239
    450
    46% off
    Animal Farm
    4.6
    (8,001)
    ₹128
    Please add at least 1 add-on item to proceed
    Be the first to ask about this product
    Safe and Secure Payments.Easy returns.100% Authentic products.
    You might be interested in
    Plays
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Poetry Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Religion And Belief Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Popular Psychology Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Back to top