हर लम्हा एक कविता — जीवन की तन्हा राहों में छुपे अनगिनत एहसास, कभी फूलों की मुस्कान में, कभी हवाओं के झोंकों में बहता सुकून।प्रकृति की कोमल छाया और रिश्तों की गहराई में,
हर पल एक नई कविता जन्म लेती है, जो दिल की गहराइयों से निकली संवेदनाओं को शब्दों में पिरोती है। यह संग्रह उन अनकहे जज़्बातों की दास्तां है, जो नींद से जागते हैं, और हर धड़कन में जीते हैं, हमें याद दिलाते हैं कि ज़िंदगी भी एक अनमोल कविता है।बस ज़रूरत है, हर लम्हे को महसूस करने की — कविता खुद-ब-खुद जन्म लेगी।
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Specifications
Book Details
Publication Year
2025
Contributors
Author Info
डॉ. ऋतु नागर एक हिंदी साहित्यकार हैं, जिन्होंने हिंदी साहित्य में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। उनका शोधकार्य प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. ऊषा प्रियंवदा जी के उपन्यासों की शिल्पकला पर आधारित है। उन्होंने हिंदी साहित्य में एम.ए. और बी.एड. भी किया है। वर्तमान में वे शिक्षण कार्य के साथ-साथ विभिन्न साहित्यिक गतिविधियों, मंचों और लेखन से सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं। उनकी रचनाएं कई पत्र-पत्रिकाओं, सांझा काव्य संग्रहों और समाचार पत्रों में प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है। वे M2M ओपन माइक, लम्हे ज़िंदगी के, साहित्य संगम संस्थान जैसे मंचों के माध्यम से साहित्य साधना कर रही हैं और साथ ही विभिन्न सोशल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए समाज सेवा से भी जुड़ी हुई हैं|
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