सृष्टि में व्याप्त काम, क्रोध, लोभ, मोह, माया, और मत्सर को कविता इस तरीके से व्यक्त करती है, जैसे वो आँखों के सामने नाच रहे हों, और उनकी सारी भाव-भंगिमाएं हमारी आँखों के सामने अवतरित होने लगते हैं। कविता हमारे मन में उठे आवेगों को उत्तेजित कर देती है। आज के इस भौतिकवादी संसार में जब लोगों को समझने की हमारी शक्ति कम हो गयी है, कविता उन प्रयासों के फलीभूत होने का एक सशक्त माध्यम है।
इस पुस्तक के माध्यम से हम उन्ही भावनाओं का अवलोकन करेंगे, उनको समझेंगे और समाज में जो हमारे साथ रह रहे हैं, उनको जानने की कोशिश करेंगे। इस पुस्तक में लिखित कविताएँ आपको एक रचनाकार की भावनाओं से भी अवगत करवाएंगी और आपको संवेदनाओं की लहरों पर हिलोरें का सफर करवाएंगी।
ये 19 कवितायेँ आपको स्पंदित करेंगी। आइये, हम साथ मिल कर कुछ नए का सृजन करते हैं।
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Specifications
Book Details
Publication Year
2023 MARCH
Number of Pages
51
Contributors
Author Info
राकेश कुमार अनुभवी, नवप्रवर्तक और कलात्मक-रणनीतिकार हैं .
विज्ञान और विपणन के क्षेत्र में शिक्षित, राकेश हमेशा से रचनात्मक रहे हैं. एक डिजिटल मार्केटर के रूप में काम करते हुए भी, कविता के प्रति उनका प्रेम उनके काम में झलकता है, उन्होंने कई व्यापक और सफल अभियान चालाया है.
विज्ञापन फिल्मों के लिए पटकथा और संवाद लिखे हैं. अपने लिखे गाने को सुर और स्वर भी दिया है जो "KEDARA" नामक यूट्यूब पे उपलब्ध है।
शब्दों के माध्यम से मूक भावनाओं को आवाज़ देने की कला ही श्री राकेश जी की विशेषता है। कुछ न कहते हुए भी ये बहुत कुछ कह जाते हैं.
यह पुस्तक उनकी भावनाओं और दैनिक अनुभवों को सार्वजनिक करने की दिशा में उनका पहला कदम है.
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