Ambedkar Ek Jeevan

Ambedkar Ek Jeevan  (Hindi, Hardcover, unknown)

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    Highlights
    • Language: Hindi
    • Binding: Hardcover
    • Publisher: Vani Prakashan
    • Genre: Literary Collections
    • ISBN: 9789362878618
    • Edition: 1st, 2024
    • Pages: 218
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  • Description
    बाबासाहेब भीमराव रामजी अम्बेडकर, एम.ए., एम.एससी., पीएच.डी., डी.एस.सी., डी.लिट्., बार-ऐट-लॉ, आज सबसे ज्यादा सम्मानित भारतीयों में शामिल हैं। भारत भर में लगी उनकी प्रतिमाओं की संख्या महात्मा गांधी के बाद दूसरे स्थान पर है। आधुनिक काल के 'सबसे महान 'भारतीय' के चुनाव के लिए किये गये एक हालिया पोल जिसमें दो करोड़ से भी ज़्यादा वोट डाले गये थे, उन्होंने गांधी को भी पीछे छोड़ दिया। सभी बड़े राजनीतिक दल उन्हें अपना बताने के लिए एक-दूसरे से होड़ करते हैं। दलितों के लिए वो एक सम्मानित शख़्सियत हैं, जिन्होंने अस्पृश्यता को गैर-कानूनी बनाने और समुदाय को प्रतिष्ठा दिलाने में मुख्य भूमिका निभायी। उन्हें संविधान का जनक कहा जाता है। और यही वो प्रधान कारण है कि भारत में उदारवादी, धर्मनिरपेक्ष और बहुलतावादी मूल्यों ( हालाँकि ये सब वर्तमान में संकट में हैं) के साथ लोकतन्त्र बना हुआ है और जिसके तहत व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा और वंचितों के उत्थान का प्रयास किया जाता है। शशि थरूर लिखते हैं: 'डॉ. अम्बेडकर की महानता उनकी किसी एक उपलब्धि की वजह से नहीं है, बल्कि उनकी सभी उपलब्धियाँ असाधारण थीं। इस नयी जीवनी में थरूर बेहद सरलता, अन्तर्दृष्टि और प्रशंसा के भाव के साथ अम्बेडकर की कहानी बताते हैं। वे महान अम्बेडकर के जीवनवृत्त की 14 अप्रैल 1891 को बम्बई प्रेसीडेंसी में महारों के परिवार में जन्म से लेकर 6 दिसम्बर 1956 को दिल्ली में उनके निधन तक पड़ताल करते हैं। वो उन तमाम अपमान और बाधाओं के बारे में बताते हैं जिससे अम्बेडकर को उबरना पड़ा, एक ऐसे समाज में जिसमें वो पैदा हुए थे और जहाँ उनका समुदाय कलंकित माना जाता था। अपने एकचित्त दृढ़ संकल्प से अम्बेडकर ने उन सभी अवरोधों को पार किया जो उनके रास्ते में आये। इस पुस्तक से हमें उन तमाम लड़ाइयों को समझने की अन्तर्दृष्टि मिलती है जिन्हें अस्पृश्यता को गैर-कानूनी बनाने के लिए अम्बेडकर को लड़नी पड़ीं। इससे हमें उस दौर की गांधी और नेहरू जैसी बड़ी राजनीतिक और बौद्धिक शख़्सियतों से अम्बेडकर के मतभेदों को समझने का मौका मिलता है। साथ ही भारत को एक विज़नरी संविधान देने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का पता चलता है जिसमें व्यक्ति के अहस्तान्तरणीय अधिकारों और सामाजिक न्याय के आधुनिक विचारों को प्रतिष्ठापित किया गया है। थरूर लिखते हैं कि 'ऐसा करते हुए अम्बेडकर ने ऐसे उन लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया जो अभी पैदा भी नहीं हुए और अपनी बौद्धिकता और क़लम की ताक़त से एक प्राचीन सभ्यता को आधुनिक युग में ले आये। गम्भीर शोध, अनुसन्धान और अन्तर्दृष्टि से लवरेज ये पुस्तक अम्बेडकर : एक जीवन पाठकों को महानतम भारतीयों में से एक अम्बेडकर को देखने और उनके मूल्यांकन की एक नयी समझ पैदा करती है।
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    Specifications
    Book Details
    Imprint
    • Vani Prakashan
    Publication Year
    • 2024
    Contributors
    Author Info
    • शशि थरूर 24 किताबों के बेस्टसेलर लेखक हैं जिनमें फिक्शन और नॉन-फिक्शन दोनों तरह की किताबें शामिल हैं। वे मशहूर आलोचक और स्तम्भकार भी हैं। उनकी किताबों में शामिल हैं- द ग्रेट इंडियन नॉवेल, इंडिया फ्रॉम मिडनाइट टू द मिलेनियम एंड बियॉण्ड, ऐन एरा ऑफ़ डार्कनेस द ब्रिटिश एंपायर इन इंडिया, द न्यू वर्ल्ड डिसऑर्डर एंड द इंडियन इंपरेटिव (समीर सरन के साथ सह-लेखन), द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर नरेन्द्र मोदी एंड हिज़ इंडिया, व्हाई आई एम ए हिन्दू, द हिन्दू वे ऐन इंट्रोडक्शन टू हिन्दुइज्म, द बैटल ऑफ़ बिलॉन्गिंग : ऑन नेशनलिज़्म, पेट्रियॉटिज़्म, एंड व्हाट इट मीन्स टू बी इंडियन, और प्राइड, प्रेजुडिस एंड पंडिट्री : द इसेंशियल। शशि थरूर संयुक्त राष्ट्र के पूर्व अवर महासचिव और भारत सरकार के पूर्व मानव संसाधन राज्य मन्त्री और विदेश राज्य मन्त्री रह चुके हैं। अपने तीसरे कार्यकाल में शशि थरूर तिरुवनंतपुरम के सबसे लम्बे समय तक रहने वाले सांसद हैं। उन्होंने विदेश मामलों और सूचना तकनीकी की स्थायी संसदीय समितियों की अध्यक्षता की है। उन्होंने कई साहित्यिक पुरस्कार जीते हैं जिनमें 'साहित्य अकादेमी पुरस्कार', 'द रामनाथ गोयनका अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन बुक्स' (नॉन-फिक्शन), 'द कॉमनवेल्थ राइटर्स प्राइज़' और 'द क्रॉसवर्ड लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड' शामिल हैं। उन्हें साल 2010 में एनडीटीवी ने 'न्यू एज पॉलिटिशियन ऑफ़ द ईयर' से सम्मानित किया। साल 2004 में शशि थरूर को 'प्रवासी भारतीय सम्मान' दिया गया जो कि प्रवासी भारतीय को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। ★★★ अमरेश द्विवेदी, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमफिल (विषय-समय सन्दर्भ और 'समय सरगम) और पीएच.डी. (विषय- अज्ञेय की आलोचना- दृष्टि)। वरिष्ठ पत्रकार : 20 वर्ष का अनुभव। 14 वर्षों तक बीबीसी में कार्य (दो वर्ष लन्दन में) । अख़बार : नवभारत टाइम्स से पत्रकारिता की शुरुआत । टेलीविज़न इंडिया टीवी में ढाई वर्ष और स्टार न्यूज़ में साढ़े तीन वर्ष पत्रकारिता । रेडियो : ऑल इंडिया रेडियो में समाचार वाचन, एफ.एम. गोल्ड पर कारोबारी जगत के मशहूर कार्यक्रम 'मार्केट मन्त्र' की प्रस्तुति। नेशनल ज्योग्राफ़िक चैनल के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग और डबिंग । प्रकाशित : उपन्यास : रंग पुटुसिया (2023); कहानी: लॉकडाउन, आर्यभट्ट, कलाकार।
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