अनय -
श्री अरविंद गोखले मराठी नवकथा के अभिन्न प्रेमी और जाने-पहचाने हस्ताक्षर हैं। उनके विशाल कथा-लोक की यह विशेषता है कि उनके हाथों कहानी अपने रेखित ढाँचे से हटकर ज़िन्दगी के विविध पहलुओं को विभिन्न स्तरों पर तलाशती, तराशती रहती है और फिर एक सौन्दर्यबेधी आस्वादक की सहज सुन्दर रचना का रूप धारण कर लेती है। कहानी को प्रचलित बद्धता से मुक्त करते हुए भी प्रस्तुत कृतिकार का पैंतरा आक्रामक, क्रान्तिकारी या परम्परा को नष्ट करने वाला नहीं होता। बग़ैर किसी शोर-शराबे के वह अपना रास्ता स्वयं खोज लेते हैं और किसी तात्त्विक वाद-प्रतिवाद में न पड़कर एक सौम्य और संयमित कलाकार के रूप में अपनी स्वतन्त्रता अबाधित बनाये रखते हैं, और यही उनका मराठी कथा-रचना के इतिहास को महत्त्वपूर्ण योगदान है।
उनके कहानी लेखन का सबसे सशक्त पहलू है नारी-पात्रों के स्वभाव का चित्रण। नारी-जीवन और उसके स्वभाव की कई बड़ी-छोटी बारीकियों को वे सूक्ष्म नज़र से देखते हैं, उनके मन की गहराइयों में झाँकते हैं, अपनी मर्यादाओं के भीतर उसे सृजनात्मक दृष्टिकोण से समझने का प्रयास करते हैं, और तब उतनी ही कुशलता से उसे पाठकों के सामने प्रस्तुत कर देते हैं।
1940 से अब तक की लेखक की दीर्घ एवं समृद्ध रचना-यात्रा से उभरी वैविध्यपूर्ण कहानियों में से चुनकर सँजोया हुआ यह संकलन निश्चित ही हिन्दी जगत के पाठकों को रोचक लगेगा, उन्हें पूर्ण सन्तुष्टि देगा।
Read More
Specifications
Book Details
Publication Year
1992
Contributors
Author Info
अरविंद गोखले -
मराठी के नवकथा लेखकों में अग्रणी और सर्वाधिक लोकप्रिय श्री अरविंद गोखले (जन्म: 19 फ़रवरी, 1919) बम्बई, विस्कॉन्सिन और दिल्ली से उच्च शिक्षा प्राप्त कर 1943 में पुणे के एक महाविद्यालय में वनस्पति-शास्त्र के प्राध्यापक हो गये। पश्चात् 1963-79 में थरमसी मोरारजी कैमिकल कम्पनी लिमिटेड में सलाहकार का दायित्व संभाला। शिक्षा और व्यावसायिक क्षेत्र विज्ञान का होते हुए भी वे अपने युवा जीवन से ही मराठी कथा लेखन को समर्पित हो चुके थे। 1940 से अब तक पचास वर्ष की अपनी कथा-यात्रा में उन्होंने 600 से अधिक लघु एवं बृहत् कहानियाँ लिखकर मराठी साहित्य की अनुपम श्रीवृद्धि की है। उनके चालीस से अधिक कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा 'कथा और कथाकार' विषय से सम्बद्ध तीन अन्य कृतियाँ भी प्रकाशित हैं। गुजराती, हिन्दी और अंग्रेज़ी में इनकी अनेक रचनाओं के अनुवाद भी उपलब्ध हैं।
महाराष्ट्र एवं बिहार राज्य सरकार तथा एन्कौण्टर पत्रिका (लन्दन) द्वारा विशेष रूप से पुरस्कृत एवं सम्मानित एवं भारत सरकार के सांस्कृतिक मन्त्रालय द्वारा 'एमिरेट्स फ़ेलोशिप' से गौरवान्वित श्री गोखले आज भी अनवरत रूप से साहित्य-सर्जना में संलग्न हैं।
Be the first to ask about this product
Safe and Secure Payments.Easy returns.100% Authentic products.