अंटार्कटिक पृथ्वी का दक्षिणतम एवं पाँचवाँ सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह चारों ओर से दक्षिण महासागर से घिरा हुआ है तथा विश्व का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है। अंटार्कटिक को एक बर्फीला रेगिस्तान माना जाता है। अंटार्कटिक के कठिन वातावरण में ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन सदस्य वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए वहाँ पर बनाए गए स्टेशनों पर निवास करते हैं। भारत के लिए अंटार्कटिक के विशेष महत्त्व को ध्यान में रखकर ही सन् 1981 से हमारे वैज्ञानिकों का एक दल हर वर्ष वहाँ जाता है और अध्ययन एवं प्रयोग करता है। अंटार्कटिक में सर्दियाँ बिताना एक तरह से अंतरिक्ष यात्रा के अनुरूप माना जाता है, क्योंकि मिशन की अवधि, अति चरम वातावरण, एकाकीपन, मिशन से संबंधित कार्य-कलाप, अनिद्रा जैसे तमाम कारक लंबी अवधि की अंतरिक्ष उड़ान के समतुल्य होते हैं। इस पुस्तक में अंटार्कटिक वातावरण और अंतरिक्ष में रहने के दौरान शरीर पर पड़नेवाले प्रभाव को रोचक और सारगर्भित तथ्यों के साथ प्रस्तुत किया गया है। रॉबर्ट फाल्कन स्कॉट और रोल्ड अमंड्सन के दक्षिण ध्रुव पर पहले विजय प्राप्त करने की होड़ तथा दोनों के अभियानों को प्रबंधन की कुशलता की दृष्टि से विश्लेषित किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक में हमने अंटार्कटिक के मौसम, भूगोल, जीव-जंतु, शीतदंश, ओजोन छिद्र की खोज, पोषण, भारत के वैज्ञानिक अभियान, योग द्वारा तनाव प्रबंधन तथा उस वातावरण में रहने का अनुभव आदि विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला है। आशा है, यह रोचक पुस्तक अंटार्कटिक में होनेवाले वैज्ञानिक अनुसंधानों को आम जनमानस तक पहुँचाने में सफल होगी।