सुनील गुप्ता
4984 में तिहाड़ जेल में काम करना शुरू किया, कालांतर में कारागार के प्रवक्ता एवं कानूनी सलाहकार के पद पर पदोन्तत किया गया।
तिहाड़ जेल से अवकाश प्राप्ति के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता रहे। उन्होंने भारत की कारागार प्रणाली में सुधार लाने हेतु अनेक महत्त्वपूर्ण कार्य किए, जिनमें जेलों के अंदर विशेष न्यायालयों की स्थापना से लेकर कारागारों तथा न्यायालयों के मध्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था प्रमुख है। कारागार सुधार और प्रशासन के क्षेत्र में अपने प्रयासों एवं उपलब्धियों हेतु उन्हें 'इंडिया विजन फाउंडेशन पुरस्कार' प्राप्त हुआ। वह देश में विधिक क्षेत्र के एकमात्र अधिकारी हैं, जिन्हें उनकी अप्रतिम एवं असाधारण सेवाओं के लिए राष्ट्रपति द्वारा 'सुधार पदक ' प्रदान किया गया।
सुनेत्रा चौधरी
कैरियय की शुरुआत “इंडियन एक्सप्रेस समाचार-पत्र से की। तीन वर्ष बाद उन्होंने टी.वी. समाचारों की ओर रुख किया और “एन.डी.टी. वी.' से जुड़ गईं। इसमें उनके द्वारा लिये गए अनेक कैदियों के सघन साक्षात्कारों को समाहित किया गया है। उन्हें वर्ष 206 में 'रेड इंक पुरस्कार ' प्राप्त हुआ; वह 208 की जेफरसन फेलो हैं। हाल ही में उन्हें 'मैरी मॉर्गन हेवेट अवार्ड' प्राप्त हुआ, जो महिला पत्रकारों की उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करता है। वर्तमान में वह 'हिंदुस्तान टाइम्स' की राजनीतिक संपादक हैं।