Dhairyapath (Ek Atmakatha)

Dhairyapath (Ek Atmakatha) (Hardcover, Jitendra Joshi)

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Dhairyapath (Ek Atmakatha)  (Hardcover, Jitendra Joshi)

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    Highlights
    • Binding: Hardcover
    • Publisher: Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
    • ISBN: 9789355620583
    • Edition: 1st, 2023
    • Pages: 136
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  • Description
    कहते हैं कि एक ऋषि अपने गुरुकुल में शिष्यों को कुछ बता रहे थे, फिर अचानक उन्हें जाने क्या सूझा कि उन्होंने सबसे आगे बैठे शिष्य को अपने बगल में रखी अमरूद से भरी टोकरी में से सभी को एक-एक फल देने को कहा। फिर गुरुदेव ने कहा—मैं थोड़ा बाहर जा रहा हूँ, मेरे आने तक अमरूद रखे रहना। इतना कहकर गुरुदेव बाहर चले गए। इसके लगभग दो घंटे बाद गुरुदेव आए और उन्होंने अमरूद के लिए पूछा। मात्र दो शिष्य ऐसे थे, जिन्होंने गुरु की आज्ञा का पालन किया था, उन दो शिष्यों ने अमरूद नहीं खाया था। उनके गुरु ने उन दोनों शिष्यों को अमरूद से भरी एक- एक टोकरी दी। सारे शिष्य देखते रह गए। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। इसके बाद गुरुदेव ने शिष्यों को समझाया। उन्होंने कहा कि मैं जानता था कि तुम सब सुबह से भूखे हो, यह जानते हुए मैंने तुम सबको एक-एक अमरूद दिया और मेरे आने तक अमरूद नहीं खाने के लिए कहा। यह तुम्हारे धैर्य की परीक्षा थी, जिसमें केवल दो ही उत्तीर्ण हुए, बाकी भूख सहन नहीं कर सके। ये अमरूद से भरी टोकरियाँ इनके धीरज का पुरस्कार हैं। ऋषि ने आगे कहा, हम अपने जीवन में धैर्य ही नहीं रख पाते, जिसकी वजह से हम कुछ बड़ा पाने से वंचित रह जाते हैं। इसलिए हमें सदैव धैर्य रखना चाहिए।
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    Specifications
    Book Details
    Publication Year
    • 2023 2023
    Number of Pages
    • 136
    Contributors
    Author Info
    • जीतेन्द्र जोशी—उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के स्यालसी गाँव, जहाँ अभी भी सुगमता से पहुँचा नहीं जा सकता है, वहाँ जन्मे जितेंद्र जोशी ने युवा अवस्था में ही जोशी एंड कंपनी नामक अगरबत्ती के पाउडर बनाने की फैक्ट्री स्थापित करके अपनी उद्यमिता को एक आकार दिया। आपके द्वारा 2004 व 2005 में हिमाचल की धरती पर देखा गया बागवानी का सपना आज कामयाबी के गीत गुनगुना रहा है। शायद ही किसी के पास इतनी विभिन्नता के उन्नत प्रजातियों के सेब के बागान होंगे। आपने उत्तराखंड के छात्रों को उत्तराखंड में ही लॉ के क्षेत्र में उत्तम शिक्षा प्रदान करने हेतु सन् 2002 में उत्तराखंड के पहले पंचवर्षीय पाठ्यक्रम वाले लॉ कॉलेज देहरादून की स्थापना की और अथक प्रयासों से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक महाविद्यालय से विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु कदम बढ़ाए और 2013 में उत्तरांचल विश्वविद्यालय की स्थापना की। आपकी दूरदर्शिता व शिक्षा की उच्च गुणवत्ता के माध्यम से आज उत्तरांचल विश्वविद्यालय को उत्तराखंड का प्रथम नैक ग्रेड ए+ विश्वविद्यालय बनाने में सफलता प्राप्त की। आपके द्वारा शिक्षा हेतु लगभग 15 करोड़ की छात्रवृत्ति भी अपने विश्वविद्यालय से छात्र-छात्राओं को प्रदान की जाती है और इसके साथ-साथ उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर और निर्बल छात्रों हेतु सेलाकुई में कक्षा-12 तक का एक विद्यालय भी अपने स्वर्गीय पिता पंडित सुरेशानंद जोशीजी के नाम से स्थापित किया। उच्च शिक्षा को अधिक गति देने के लिए और रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करने हेतु आपका प्रयास निरंतर जारी है।
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