Guru-Shishya Samvad

Guru-Shishya Samvad  (Hindi, Paperback, Vivekananda Swami)

Be the first to Review this product
₹269
300
10% off
i
Available offers
  • Bank Offer5% cashback on Flipkart Axis Bank Credit Card upto ₹4,000 per statement quarter
    T&C
  • Bank Offer5% cashback on Axis Bank Flipkart Debit Card up to ₹750
    T&C
  • Bank OfferUp To ₹30 Instant Cashback on BHIM Payments App. Min Order Value ₹199. Offer Valid Once Per User
    T&C
  • Bank OfferFlat ₹30 Assured Cashback on Mobikwik UPI. Min Order Value ₹999. Valid once per Mobikwik account
    T&C
  • Delivery
    Check
    Enter pincode
      Delivery by27 Aug, Wednesday
      ?
      if ordered before 12:59 AM
    View Details
    Author
    Read More
    Highlights
    • Language: Hindi
    • Binding: Paperback
    • Publisher: Prabhat Prakashan
    • Genre: Fiction
    • ISBN: 9789355622075
    • Edition: 1st, 2024
    • Pages: 160
    Services
    • Cash on Delivery available
      ?
    Seller
    BestsellingBooks
    4.2
    • 7 Days Replacement Policy
      ?
  • See other sellers
  • Description
    स्वामी विवेकानंद ने भारत में उस समय अवतार लिया, जब यहाँ हिंदू धर्म के अस्तित्व पर संकट के बादल मँडरा रहे थे । पंडितों-पुरोहितों ने हिंदू धर्म को घोर आडंबरी और अंधविश्वासपूर्ण बना दिया था। ऐसे में स्वामी विवेकानंद ने हिंदू धर्म को एक पूर्ण पहचान प्रदान की । इसके पहले हिंदू धर्म विभिन्न छोटे-छोटे संप्रदायों में बँटा हुआ था। तीस वर्ष की आयु में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो (अमरीका) में विश्व धर्म-संसद्‌ में हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया और इसे सार्वभौमिक पहचान दिलवाई। प्रस्तुत पुस्तक ‘गुरु-शिष्य संवाद' में स्वामी विवेकानंद ने सरल शब्दों में वेद, उपनिषद्‌ और वेदांत के बारे में सारभूत व्याख्या की है तथा प्रत्यक्ष संवाद के माध्यम से अपने शिष्यों की आध्यात्मिक जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास किया है। उन्होंने अकाट्य तर्कों द्वारा वैश्विक ज्ञान के सागर को इस पुस्तक रूपी गागर में भर दिया है। यह एक अत्यंत प्रेरक और ओजपूर्ण पुस्तक, जो जीवन में दैविक आशा का संचार करती है; मनुष्य को मनुष्य से जोड़ती है।
    Read More
    Specifications
    Book Details
    Imprint
    • Prabhat Prakashan
    Publication Year
    • 2024 April
    Number of Pages
    • 160
    Contributors
    Author Info
    • स्वामी विवेकानंद स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता में हुआ था । इनका बचपन का नाम नरेंद्रनाथ था। इनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे। इनकी माता श्रीमती भुवनेश्वरी देवीजी धार्मिक विचारों की महिला थीं। बचपन से ही नरेंद्र अत्यंत कुशाग्र बुद्धि के थे पर नटखट थे। परिवार के धार्मिक एवं आध्यात्मिक वातावरण के प्रभाव से बालक नरेंद्र के मन में बचपन से ही धर्म एवं अध्यात्म के संस्कार गहरे पड़ गए। नरेंद्र ने श्रीरामकृष्णदेव को अपना गुरु मान लिया था; उन्होंने ही नरेंद्र को संन्यास की दीक्षा दी। उसके बाद गुरुदेव ने अपनी संपूर्ण शक्तियाँ अपने नवसंन्यासी शिष्य स्वामी विवेकानंद को सौंप दीं, ताकि वह विश्व-कल्याण कर भारत का नाम गौरवान्वित कर सके। भारतवर्ष के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के अग्रदूत बन उन्होंने सनातन धर्म की पताका विश्वभर में फहराई। 4 जुलाई, 1902 को यह महान्‌ तपस्वी अपनी इहलीला समाप्त कर परमात्मा में विलीन हो गया।
    Dimensions
    Width
    • 5.5
    Height
    • 8.5
    Depth
    • 0.2
    Weight
    • 200
    In The Box
    • 1 Book
    Frequently Bought Together
    Please add at least 1 add-on item to proceed
    Be the first to ask about this product
    Safe and Secure Payments.Easy returns.100% Authentic products.
    You might be interested in
    Popular Psychology Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Philosophy Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Business And Management Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Memoirs
    Top Collection
    Shop Now
    Back to top