Hindu Ke Celtic Swajan  - (Europe Mein Bhartiya Sanskriti : Naveentam Anusandhan)

Hindu Ke Celtic Swajan - (Europe Mein Bhartiya Sanskriti : Naveentam Anusandhan) (Paperback, Major Surendra Narayan Mathur, S.M. (Retd.))

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Hindu Ke Celtic Swajan - (Europe Mein Bhartiya Sanskriti : Naveentam Anusandhan)  (Paperback, Major Surendra Narayan Mathur, S.M. (Retd.))

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    Highlights
    • Binding: Paperback
    • Publisher: Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
    • ISBN: 9789355214249
    • Edition: 1st, 2023
    • Pages: 230
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  • Description
    हिंदू के केल्टिक स्वजन' एक ऐसा शोध है, जो एक आकस्मिक घटना से प्रारंभ होकर ऐसे मुकाम तक पहुँच गया, जो अकल्पनीय है। यूरोपीय देशों में, जिन्होंने वर्षों तक भारत पर राज किया, एक ऐसा समुदाय भी था, जिन्हें केल्ट कहते हैं, ये सदैव प्रताड़ित और संघर्षरत रहे। केल्ट भगवान्‌ परशुराम के कालखंड में वहाँ गए भारतीय लोग थे, जिन्हें वे Dagda के नाम से पूजते हैं और जो उनके प्रमुख देवता हैं। ग्रंथों में यह उल्लेख जरूर आता है कि भगवान्‌ परशुराम ने इक्कीस बार विश्वविजय की; पर कहाँ-कहाँ की, इसका उल्लेख नहीं मिलता। रामायण काल से भी पूर्व का इतिहास प्रतीत होता है। सामाजिक संरचना, शैक्षणिक आश्रम व्यवस्था, पूजा पद्धति, तीज-त्योहार, गुरु-शिष्य परंपरा, यहाँ तक कि पौराणिक आगम भाषा भी समान प्रतीत होती है। धार्मिक, सांस्कृतिक एवं विदेशी आक्रमणों के कारण हजारों वर्षों की गुलामी झेलते हुए भी पूर्वजों की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने हेतु ये निरंतर संघर्ष करते रहे हैं, जिसमें उनके गुरुजन एवं मार्गदर्शक द्विजों (Druids) कौ महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि अनेक देशों में यूरोप से पलायन कर विस्थापित हुए और आज भी वे गोपनीय एवं संघर्षमय जीवन व्यापन कर रहे हैं। उनके इन पौराणिक संबंधों और संघर्षों से हम भारतीय आज भी अनभिसज्ञ हैं। इस पुस्तक में इन सभी कड़ियों को जोड़ने का प्रयास है । केल्टिक स्वजनों का धर्म और संस्कृति को बचाने का एक अद्भुत इतिहास है, जिसपर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए।
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    Specifications
    Dimensions
    Width
    • 5.5
    Height
    • 8.5
    Depth
    • 1
    Weight
    • 250
    In The Box
    • 1 Book
    Book Details
    Title
    • Hindu Ke Celtic Swajan
    Publication Year
    • 2023 January
    Book Type
    • General Book
    Number of Pages
    • 230
    Product Form
    • Paperback
    Publisher
    • Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
    Alternative Title
    • (Europe Mein Bhartiya Sanskriti : Naveentam Anusandhan)
    ISBN13
    • 9789355214249
    Book Category
    • Philosophy and Religion Books
    Book Subcategory
    • Religion and Belief Books
    Edition
    • 1st
    Language
    • Hindi
    Contributors
    Author Info
    • मेजर सुरेंद्र नारायण माथुर, एस.एम. (से.नि.) BE, ACE, PGDBM. जन्म : 1950 में जोधपुर में। 1971 में सेना के कोर ऑफ इंजीनियर में कमीशन हुए। 1971 के भारत-पाक युद्ध में जम्मू के चिकन-नेक क्षेत्र में भाग लिया, जहाँ भारतीय सेना ने विजय हासिल की । सेना में राष्ट्रीय स्तर के नौकायन, रोइंग व हॉर्स-पोलो आदि खेलों के खिलाड़ी रहे तथा रोइंग में ओलंपिक (टोक्यो), एशियन गेम्स (हिरोशिमा), अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता (शंघाई) आदि में अंतरराष्ट्रीय निर्णायक रहे। प्रथम भारतीय साहसिक अभियान, जिसमें सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स के दस अधिकारियों ने 37 फीट लंबी पाल- नौकायन “तृष्णा' से 54,000 कि.मी. की यात्रा 470 दिनों में संपूर्ण विश्व की परिक्रमा कर कीर्तिमान स्थापित किया, के सदस्य रहे; इसके लिए सम्मानित भी हुए। भारतीय एवं विदेशी देशज लोगों से जुड़कर उनकी जीवनयात्रा और उनके पौराणिक-सनातन-संस्कृति के संबंधों की खोज में जीवन समर्पित किया। पैंतीस देशों की यात्राएँ कीं । सेना में सेना मंडल, यू के. के ओशन क्रूजिंग क्लब, महाराणा प्रताप पुरस्कार, मेवाड़ फाउंडेशन पुरस्कार, आर्मी एडवेंचर ट्रॉफी, इंडियन ब्लू तथा 'संत ईश्वर संस्कृति सेवा सम्मान' आदि प्रतिष्ठित अलंकरणों से विभूषित।"
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