Jalta Hua Rath

Jalta Hua Rath  (Hindi, Paperback, Deepak Swadesh)

Be the first to Review this product
Special price
₹135
199
32% off
i
Available offers
  • Special PriceGet extra 32% off
    T&C
  • Bank Offer5% cashback on Axis Bank Flipkart Debit Card up to ₹750
    T&C
  • Bank Offer5% cashback on Flipkart SBI Credit Card upto ₹4,000 per calendar quarter
    T&C
  • Bank OfferFlat ₹50 off on Flipkart Bajaj Finserv Insta EMI Card. Min Booking Amount: ₹2,500
    T&C
  • Delivery
    Check
    Enter pincode
      Delivery by23 Dec, Tuesday
      ?
    View Details
    Author
    Read More
    Highlights
    • Language: Hindi
    • Binding: Paperback
    • Publisher: Vani Prakashan
    • Genre: Drama
    • ISBN: 9789357753357
    • Edition: 1st, 2024
    • Pages: 80
    Services
    • Cash on Delivery available
      ?
    Seller
    VaniPrakashan
    4
    • 7 Days Replacement Policy
      ?
  • See other sellers
  • Description
    भगवान किस-किसकी सुनें। सारे संसार में मारकाट मची है। अपनी ताकत से अन्धा हो चुका इन्सान भगवान बन गया है। इतना घमण्डी । अब जीने-मरने के फैसले इन्सान करता है। इतनी सारी भाषाएँ हैं उसके पास । फिर भी नहीं समझते एक-दूसरे की बात । ताकत और हथियार सबसे पहले भाषा का खून करते हैं। फिर इन्सान का। मुन्ना जी। जीना तो इसे पड़ेगा इस अन्याय की दुनिया में। लेकिन मत डर तू। भगवान ने इन्सान को बहुत ताकतवर बनाया है। जिस दिन आदमी के अन्दर प्रकाश आ जाये सिंहासन पलट देता है, माथों से मुकुट उतार मिट्टी में मिला देता है। कहते हैं दुनिया में सात अजूबे हैं। सेवन वन्डर्ज ऑफ़ द वर्ल्ड । बेवकूफ़ । आठ अजूबे । आठवाँ अजूबा है इन्सान । भगवान का पहरेदार । संसार की रक्षा करने वाला योद्धा पहरेदार... पता नहीं क्या हो गया इस योद्धा को। सोया है। लम्बी नींद सोया है। लेकिन जागेगा ज़रूर । अन्याय देखेगा और उतर आयेगा उसकी आँखों में खून । -इसी पुस्तक से
    Read More
    Specifications
    Dimensions
    Weight
    • 150 gr
    Book Details
    Title
    • Jalta Hua Rath
    Imprint
    • Vani Prakashan
    Publication Year
    • 2024
    Product Form
    • Paperback
    Publisher
    • Vani Prakashan
    Genre
    • Drama
    ISBN13
    • 9789357753357
    Book Category
    • Literature Books
    BISAC Subject Heading
    • DRA000000
    Book Subcategory
    • Mythological Text Books
    Edition
    • 1st
    Language
    • Hindi
    Contributors
    Author Info
    • स्वदेश दीपक - हिन्दी साहित्य के प्रतिष्ठित और प्रशंसित लेखक व नाटककार स्वदेश दीपक का जन्म रावलपिण्डी में 6 अगस्त, 1942 को हुआ। अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए. करने के बाद उन्होंने लम्बे समय तक गांधी मेमोरियल कॉलेज, अम्बाला छावनी में अध्यापन किया। दशकों तक अम्बाला ही उनका निवास स्थान रहा। सन् 1991 से 1997 तक दुनिया से कटे रहने के बाद जीवन की ओर बहुआयामी वापसी करते हुए उन्होंने कई कालजयी कृतियाँ रचीं जिनमें मैंने माण्डू नहीं देखा और सबसे उदास कविता के साथ-साथ कई कहानियाँ शामिल हैं। वे उन कुछेक नाटककारों में से हैं, जिन्हें संगीत नाटक अकादेमी सम्मान हासिल हुआ। यह सम्मान उन्हें सन् 2004 में प्राप्त हुआ । कोर्ट मार्शल स्वदेश दीपक का सर्वश्रेष्ठ नाटक है। अरविन्द गौड़ के निर्देशन में अस्मिता थियेटर ग्रुप द्वारा भारत भर में इस नाटक का 450 से भी अधिक बार मंचन किया गया। सन् 2006 की एक सुबह वे टहलने के लिए निकले और घर नहीं लौट पाये। तब से उनका पता लगाने की सारी कोशिशें नाकाम रही हैं। वाणी प्रकाशन ग्रुप द्वारा प्रकाशित स्वदेश दीपक का सम्पूर्ण साहित्य - अश्वारोही, मातम, तमाशा, बाल भगवान, किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं, मसखरे कभी नहीं रोते, बगूगोशे, निर्वाचित कहानियाँ, प्रतिनिधि कहानियाँ (कहानी-संग्रह), नम्बर 57 स्क्वाड्रन, मायापोत (उपन्यास), कोर्ट मार्शल, नाटक बाल भगवान, जलता हुआ रथ, सबसे उदास कविता, काल कोठरी (नाटक), मैंने माण्डू नहीं देखा (संस्मरण) ।
    Frequently Bought Together
    Jalta Hua Rath
    ₹135
    199
    32% off
    Sanju
    3.8
    (5)
    ₹386
    Please add at least 1 add-on item to proceed
    Be the first to ask about this product
    Safe and Secure Payments.Easy returns.100% Authentic products.
    You might be interested in
    Poetry Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Plays
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Religion And Belief Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Historical Fiction Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Back to top