पुस्तक के बारे में मनुष्य एक विचारशील प्राणी है। उसका मष्तिस्क विचारों का कारखाना है। उसमें विभिन्न विचार तीव्र गति से उदित एवं तिरोहित होते रहते हैं । लेकिन जिसप्रकार के विचार व्यक्ति के अंदर अधिक प्रबल होते हैं । व्यक्ति का आचरण एवं व्यवहार भी वैसा ही बन जाता है। अतएव यदि एक अंधविश्वास मुक्त वैज्ञानिक एवं प्रगतिशील समाज की स्थापना करनी है तो इसी दिशा में लोगों को सोचने के लिए विवश करना होगा। प्रस्तुत पुस्तक लेखक के मन में पैदा हुए विचारों का संग्रह है जो पाठको को अंधविश्वासमुक्त, वैज्ञानिक सोच वाला प्रगतिशील बनने के लिए प्रेरित करती है।