कश्मकश जंग है ख़्यालों की ख़्यालों से। इस संकलन में कई भाव पेश हैं लेखिका की और से जो कई बार हम चाह कर भी बयान नहीं कर पाते। कश्मकश आवाज़ है उलझे खयालों की जिन्हे शब्दों में पिरो कर पेश करने की कोशिश लेखिका कर रहीं हैं।
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Specifications
Book Details
Publication Year
2023 MARCH
Number of Pages
32
Contributors
Author Info
अनुष्का पारीक 'अरिन' अनगिनत तारों की भीड़ में एक अनजान मुसाफिर, अपने छोटे से चुलबुले से सपनो को लेकर आगे बढ़ने की होड़ में एक दिन शब्दो से उलझी और फिर वही कही खो गई। एक दिन मन हल्का करने को उठाई कलम अब तक फिर रुकी नहीं। अब तक के सफर में वो कुछ हिंदी और कुछ अंग्रेज़ी किताबों की सह-लेखिका रह चुकी है। वो अपने कॉलेज एवं स्कूल में नाट्य लेखन भी कर चुकी हैं। वे अपनी प्रेरणा उन सभी लोगों की भावनाओं को मानती है जो व्यक्त नहीं हो पाती। उनका लक्ष्य है अपने शब्दों से एक निशान छोड़ देना ताकि हर पाठक को सुकून का थोड़ा अनुभव मिल सके।
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