"प्रज्ञा तिवारी कानपुर(उत्तर प्रदेश) की निवासी है, जो कि एक परामर्श मनोवैज्ञानिक है। उनकी पढ़ाई उनके
मूल निवास कानपुर और लखनऊ से हुई है।
कविता लेखन में उनकी रुचि बचपन से ही रही है, जिसका एक कारण उनके नाना श्री का कवि होना रहा है।
यह पुस्तक उनकी पहली रचना है जो प्रकशित हुई है।
कविता लिखने की प्रेरणा उन्हें उनके विचारों से, मित्रो से तथा कभी कभी उन अनुभवों से भी मिलती है जो वो
अपने पेशे में साझा करती है।"
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Specifications
Book Details
Publication Year
2022 AUGUST
Number of Pages
70
Contributors
Author Info
"प्रज्ञा तिवारी कानपुर(उत्तर प्रदेश) की निवासी है, जो कि एक परामर्श मनोवैज्ञानिक है। उनकी पढ़ाई उनके
मूल निवास कानपुर और लखनऊ से हुई है।
कविता लेखन में उनकी रुचि बचपन से ही रही है, जिसका एक कारण उनके नाना श्री का कवि होना रहा है।
यह पुस्तक उनकी पहली रचना है जो प्रकशित हुई है।
कविता लिखने की प्रेरणा उन्हें उनके विचारों से, मित्रो से तथा कभी कभी उन अनुभवों से भी मिलती है जो वो
अपने पेशे में साझा करती है।"
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