चलिए " मैं क्या कहूँ" के सफर में आजाएं , एक काव्य संग्रह जिसकी लिखावट अपने दिल की गहराईयों को छूती है, जिसमें असल में मौजूद मगर ना बयां हुई अनकही मोहब्बत , सामाजिक बेचैनी की छाया, और दिल टूटने की आवाज है । नकेवाल एक तरफा मोहब्बत के खूबसूरत पहलू को , बल्कि बेचैनी, खौफ, धोका , असलियत, हौसला और दिल टूटने की गूंज इस कविता में है । ये कविताएं व्यक्ति की अंतर्दृष्टि के अंदर घूमने का मौका देती हैं। " मैं क्या कहूँ?" के हमसफर बनिए और आजाएं मन के गहराईयों में, जहां शब्दों का अपना एक अलग ही जहां है।
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Publication Year
2024
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