लेखिका दीपाली गुप्ता का यह काव्य संग्रह 'मन का पंछी' अपने पाठकों के लिए हृदय के समुद्र में गोते लगाकर उनके लिए रत्नों को चुनकर लाया है। काव्य के मोती सहज ही पाठकों के मन को मोहित कर लेने वाले हैं। लेखिका दीपाली गुप्ता ने बहुत ही सुंदर हृदय स्पर्शी और भाव विभोर कर देने वाले विषयों का चुनाव किया है। सरल,सुंदर एवं सरस भाषा ने इस काव्य संग्रह 'मन का पंछी' को और भी आकर्षक बनाया है। कई प्रकार के भावों का स्पंदन है यह काव्य संग्रह 'मन का पंछी'। लेखिका दीपाली गुप्ता ने इस काव्य संग्रह 'मन का पंछी' में अपने मनोभावों को पाठकों के मनोभावों का दर्पण बनाने का प्रयत्न किया है।
Read More
Specifications
Book Details
Publication Year
2024
Contributors
Author Info
मन रंगों की बाल्टी भरता है,
सुंदर सी रचना करता है।
अकेले में अपनी ही धुन में
कोई दुनिया नई बसाता है।।
मन का पंछी डाली-डाली,
कूद-कूदकर जाता है।।
'मन का पंछी' नामक यह काव्य संग्रह मन की प्रत्येक कल्पना को रंगों से भरता है । उसमें चाहे फिर प्रीत हो या श्रंगार,दर्द हो या रोमांच, पूर्णिमा हो या अमावस, फूल हों या काँटे सभी प्रकार की मानवीय कल्पनाएं,भावनाएं और क्रियाकलापों को अपने काव्य के माध्यम से दर्शाने का लेखिका ने पूर्ण प्रयत्न किया है ।
लेखिका दीपाली गुप्ता का जन्म 1973 में मेरठ जिले के मवाना नामक कस्बे में हुआ। उन्होंने अंग्रेजी साहित्य,संस्कृत साहित्य और राजनीति विज्ञान विषयों के साथ स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद 1996 में उन्होंने 'मेरठ कॉलेज मेरठ' चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से विधी स्नातक की डिग्री प्राप्त की । लेखिका दीपाली गुप्ता को बचपन से ही कविता लिखने में काफी रुचि रही । 2023 में उन्हें अपने सपनों को मूर्त रूप देने का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ और उनका पहला काव्य संग्रह 'अशोक सुंदरी काव्यांजलि' प्रकाशित हुआ । लेखिका दीपाली गुप्ता का 'मन का पंछी' नामक यह काव्य संग्रह उनके हिंदी लेखन में योगदान की अगली कड़ी है। लेखिका दीपाली गुप्ता भावनगर गुजरात में रहती हैं और वहीं से उन्होंने अपनी पहली पुस्तक लिखी और अब यह दूसरी पुस्तक लिखने का सौभाग्य भी उन्हें भावनगर गुजरात से ही मिला।
Be the first to ask about this product
Safe and Secure Payments.Easy returns.100% Authentic products.