मेरा लेखन और कला का संकलन जिंदगी के विभिन्न पहलुओं का परिचायक है। जिसका आगाज़ बेशक देर से हुआ परंतु उसने मेरे जीवन को एक नई दिशा प्रदान की है ।अपनी सोच, भावनाओं ,अनुभवों को शब्दों में पिरो इस नवीन सफर की शुरुआत की। मैंने इस काव्य संग्रह में अपनी कल्पना शक्ति एवं भाषिक योग्यता के बल पर जीवन के ओर -छोर को लयात्मकता में डालने का प्रयास किया है। जिंदगी गुजरते वक्त का आईना है और मनुष्य इस भू लोक में केवल एक पथिक है जो अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु सदैव अग्रसर रहता है ।उसका जीवन संघर्षों की खान है जो उसे जीने की कला सिखाता है। विभिन्न पहलुओं पर परिप्रेक्ष्य डालता है। अनुभूतियां जब शब्दों के साथ लय और तुक में ढलने लगती हैं कविता बन जाती है। जीवन के मंथन से निकली रंग- बिरंगी कविता अंतस्थ की पुकार है जो एहसास को स्पंदित करती है, पीड़ा का संहार कर जनमानस का उद्धार करती है ।हम एहसास को पकड़ नहीं सकते केवल महसूस कर सकते हैं। हमारा मन इच्छाओं ,आकांक्षाओं का दर्पण है जो कभी भंवर में फंस जाता है कभी मृगतृष्णा के पार उतरता है ।हमारे समाज का स्वरूप उसकी छवि शिक्षा की महत्वपूर्णता को सुनिश्चित करती है। हर स्त्री दुर्गा का अवतार है, घूंघट में छुपा साहस है ।त्याग ,प्रेम की मूरत है ।वह शेष नहीं विशेष है ।वह मां है जिसकी सुषमा कमाल है। वह जीवन का मुकम्मल आधार है ।यह पुस्तक सफ़र है जिंदगी के संघर्षों के सारगर्भित तथ्यों से सजे समय की निर्बाध गति का, उम्र के उतार-चढ़ाव का, भोर की नवल किरण का ।हमारी संकल्प शक्ति का जो विचारणीय है। एक नया दृष्टिकोण है मेरे एहसास जो आपकी आत्मा को छूकर आपको सकारात्मकता प्रदान करेंगे।
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Specifications
Book Details
Publication Year
2024
Contributors
Author Info
लिखना एक कला है। दिल्ली की रहने वाली प्रीति कपूर एक सुघड़ ग्रहणी , ज़िम्मेदार महिला होने के साथ एक उभरती कवयित्री हैं; जिनका लेखन का आगाज़ कुछ देर से हुआ। उन्होंने आत्म विश्लेषण द्वारा अपनी कल्पनाओं को कविता का जामा पहनाया। भाव एवं भावना का कलात्मक संगम उनकी कृति में प्रस्फुटित होता है। बेहद सादगी एवं संजीदगी से सामान्य जीवन से प्रेरणा प्राप्त कर उन्होंने अपनी रचनाओं को जन्म दिया। भिन्न-भिन्न पहलुओं, सामाजिक परिवेश व जिज्ञासा को साकार रूप दे कलमबद्ध करती चली गईं। हिंदी काव्य कोश में कई बार उनकी कविताओं का उत्कृष्ट श्रेणी में चयन हुआ। जिससे उनका प्रोत्साहन बड़ा व लेखन जारी रहा। तत्पश्चात अपनी कमज़ोरी को अपनी शक्ति बना ब्रश व कैनवस से खूबसूरत दोस्ती कर ली। धीरे-धीरे मन के भावों को कैनवास पर उतार सुंदर रंगों से सजाने लगीं। कहते हैं ‘उम्र मोहताज नहीं ख्वाब को मुकम्मल करने के लिए बस एक जुनून चाहिए मुकाम हासिल करने के लिए’।