इस काव्य कृति में ग्यारह सौ एक दोहे विविध विषयों सरस्वती वन्दना, अध्यात्म, भक्ति, नीति, शृंगार,समाज, राजनीति, कविधर्म, प्रकृति संरक्षण, पाखण्ड खण्डन आदि पर उद्बोधनात्मक शैली में प्रस्तुत किए गए हैं।
आशा है कि यह काव्य- संग्रह हिन्दी साहित्य लेखन के क्षेत्र के साथ ही सार्वजनिक, सार्वभौमिक एवं सार्वकालिक रूप में जन जागृतिकारक एवं उत्प्रेरक सिद्ध होगा। इसी विश्वास के साथ अपना यह काव्य पुष्प आप सारस्वत साहित्कारों एवं सुधी पाठकों के लिए अर्पित कर रहा हूँ। आशान्वित हूँ कि आपका अनुमोदन, स्नेह एवं आशीर्वाद इस अकिंचन को अविरल प्राप्त होता रहेगा
विनयावनत
✍नानक चन्द 'चन्दन'
Read More
Specifications
Publication Year
2020 February
Manufacturing, Packaging and Import Info
Be the first to ask about this product
Safe and Secure Payments.Easy returns.100% Authentic products.