नूरानियत कोई किताब नहीं बल्कि ख़्यालों और जज़्बातों का एक मजमूआ है। कहीं रूढ़िवाद सोच का र्दद है तो कहीं उसी सोच के खिलाफ इक बग़ावत। इसमें दर्द है, इसमें मोहब्बत है और मोहब्बत में मिला दर्द भी है। इसकी नज़्में ख़्वाबों को बयान करती हैं और साथ ही हकीक़त को भी। कहीं कोई इक नज़्म इक सवाल है तो कोई जवाब भी। ये कविताएँ दर्द की बात करती हैं लेकिन साथ ही हमें उम्मीद की एक किरण भी देती हैं।जहां एक तरफ़ मोहब्बत और जुदाई का ज़िक्र है तो वहीं दूसरी तरफ़ कुदरत की ख़ूबसूरती का ब्यां भी है।इनमें औरतों के जज्बात भी हैं, एक आम आदमी की दिली कैफियत भी और मौजूदा हालात का ज़िक्र भी ।
ये दिल से लिखी गई हैं और दिल की गहराई से ही पढ़ी जानी चाहिए।
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Specifications
Book Details
Publication Year
2024
Contributors
Author Info
नूरुस्सबा शायान एक एजाइल कंसल्टेंट हैं जो टी.सी.एस (टाटा कंसल्टेंसी र्सविसेज़) में कार्यरत हैं पर दिल से एक लेखिका हैं। उन्होंने 18 साल की उम्र में अपनी पहली कविता लिखी और उसके बाद उन्होंने कई कविताएं लिखीं जो कई वर्षों तक गुप्त रहीं। उन्होंने लघुकथाएं और कहानियां लिखना भी शुरू कर दिया है, जिसके लिए उन्होंने कई पुरस्कार भी जीते हैं। उनकी पहली कविता 2016 में एक संकलन में प्रकाशित हुई और उसके बाद कई और प्रकाशित हुई हैं। यह तो बस शुरुआत है, और भी बहुत कुछ आना बाक़ी है।