प्रस्तुत पुस्तक UGC-NET JRF तथा असिस्टेंट प्रोफेसर पात्राता परीक्षा के ‘संस्कृत’विषय के पेपर-II के परीक्षार्थियों के लिए विशेष रूप से प्रकाशित की गई है। परीक्षा की वर्तमान पद्धति पर आधारित यह पुस्तक इस परीक्षा के लिए अति-उपयोगी है।
पुस्तक में सरल अध्यायों में संयोजित उत्कृष्ट पठन-सामग्री तथा प्रत्येक अध्याय के अंत में अनेकों बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर उपलब्ध करवाए गए हैं। अभ्यास हेतु दिए गए प्रश्नों में अधिकतर पूर्व-परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों को सम्मिलित किया गया है जो कि विशेषज्ञों द्वारा हल किए गए हैं। इनके समुचित अभ्यास द्वारा पाठक प्रश्नों को हल करने की अपनी क्षमता का विकास एवं गति में पर्याप्त सुधार कर सकेंगे। पाठकों की बेहतर जानकारी के लिए अनेक प्रश्नों के विस्तृत उत्तर भी दिए गए हैं।
पुस्तक में पर्याप्त पठन एवं अभ्यास.सामग्री के साथ पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्र भी उत्तर सहित सम्मिलित किए गए हैं। इससे परीक्षार्थी अभ्यास के साथ.साथ परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति से भी भली-भाँति परिचित हो सकेंगे और आगामी परीक्षा में अपने-आपको आत्मविश्वास के साथ, सफलतापूर्वक प्रस्तुत कर सकेंगे।
पुस्तक में नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार सभी अध्याय विस्तार एवं सुरुचिपूर्ण रूप में सम्मिलित किए गए हैं। इनके समुचित अध्ययन द्वारा पाठक निश्चित ही परीक्षा में सफलता प्राप्त करके अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकेंगे।
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Specifications
Publication Year
2025 March
Book Type
Sanskrit Medium
Table of Contents
Previous Years' Paper (Solved) January 2025 to June 2021; Vaidik Sahitya; Darshan; Vyakran evam Bhasha Vigyan; Sanskrit Sahitya tatha Kavyashastra; Prashan Patra-III: Sanhita, Brahman, Aaranyak, Vaidik Vyakran; Upnishadik Vishayvastu tatha Avdharanaayein; Pramukh Shrutivakya; Vedaango ka Samanya Sankshipt Parichay; Mahabhashya (Paspshahik) Vyakaran evam Bhasha Vigyan; Sankhyakaarika, Vedantasar evam Arth Sangraha; Ramayana, Mahabharata, Puraan; Arthshastram, Manusmriti evam Yagyavalkya Smriti; Padh, Gadh evam Kavyashastram; Natak Parichay; Natya; Tark Sangraha (Dipika Vyakhya Sahit); Kavyaprakash, Vakroktijivitam, Kavyamimansa evam Rasgangadhar; Puralipi, Ashok ke Abhilekh, Mauryottar Kaal ke Abhilekh; Adhyayavaar Vastunisht Prashan.