"परदादी, माँ, अर्धांगिनी: मैं और मेरी कविताएँ" एक ऐसी काव्य-संग्रह है जो जीवन, रिश्तों, प्रेम, और आध्यात्मिकता के गहन पहलुओं को सरल और मार्मिक शैली में प्रस्तुत करती है। शेखर कुमार ने अपने अनुभवों, यादों और मानवीय भावनाओं को शब्दों में ढालकर इसे एक अनमोल कृति बनाया है। यह पुस्तक पाठकों को जीवन की गहराइयों और उसके महत्व को समझने के लिए प्रेरित करती है। यह संग्रह हर व्यक्ति के लिए एक आत्मीय अनुभव है।
Read More
Specifications
Book Details
Publication Year
2025
Contributors
Author Info
शेखर कुमार, बिहार के पीरपैंती में जन्मे, एक कवि और लेखक हैं। डिनोबिली स्कूल और डीपीएस मथुरा रोड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने के बाद, उन्होंने हिंदी साहित्य में अपना योगदान दिया। उनके लेखन में पारिवारिक संबंधों, आध्यात्मिकता, और जीवन के अनुभवों की झलक मिलती है। उनकी पुस्तक "परदादी, माँ, अर्धांगिनी: मैं और मेरी कविताएँ" उनके गहन विचारों और संवेदनशीलता का प्रमाण है।
Be the first to ask about this product
Safe and Secure Payments.Easy returns.100% Authentic products.