एहसास "जिसका मतलब होता है ऱूह से महसूस करना, वो चाहें हमें जिंदगी में मिलने वाली खुशी हो दुःख हो, जज़्बात हो गुस्सा हो डर हो फ़िक्र हो ख़्वाब हो या ख़याल हो धोखा हो या एतमाद हो वगैरह-वगैरह सब हमारे एहसास से ही जुड़े होते होते हैं, एहसास ही तो होते हैं जो हमें हमारे होने का एहसास कराते है हमें महसूस कराते हैं कि हम ज़िंदा हैं और यही वजह है कि एहसास के बिना इंसान, इंसान भी नहीं कहलाता, एहसास ही तो होते है जो दो अजनबी इंसानों को भी यकीन की मज़बूत डोर से रिश्तें में बांधने की ताकत रखते हैं, ज़िदगी से मैने जो भी सीखा और महसूस किया है उसे अपनी पुस्तक 'मेरे एहसास में अपने अल्फ़ाज़ो के माध्यम से अभिव्यक्त करने की कोशिश की है और मुझे पूरी उम्मीद है मेरे एहसास की खुश्बू सबके दिलों को अपनी खुश्बू के एहसास से महकाने में इंशा अल्लाह ज़रूर कामयाब होगी (आमीन) | डाॅ फौज़िया नसीम शाद