भावनाएँ और संवेदनाएँ अक्सरहां मनरूपी समंदर में मौन बवंडर बन सोया करती हैं। शब्दों के कंकड़ जब इस बवंडर को जागृत करते हैं, तब कहीं जाकर काव्य अपना स्वरुप लेती है। काव्य-संग्रह “गूंज” यथार्थ और कल्पना, सत्य और असत्य, सुख और दुःख, प्रेम और द्वेष, जैसी सभी संवेदनाओं को स्वयं में निहित कर आपके समक्ष प्रस्तुत कि गयी है। काव्यों का ये संकलन आपके मन को प्रेम से स्पर्श भी करेगा तथा आपके अस्तित्व के आगे कई अनछुए पहलुओं एवं सवालों को प्रस्तुत भी करेगा। सुकून की अनुभूति एवं विचारों के द्वंद की गूंज, आपको काव्य-संग्रह “गूंज” में स्पष्ट रूप से सुनाई देगी।