असीमित इच्छाओं और वासनाओं से पूरित आज का मानवीय समाज अनासक्त से दूर वर्तमान की गला काट प्रतियोगिता से पूरित 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' के अपने विश्व ग्राम की सुकोमल कल्पना से अनवरत विरत होता जा रहा है। मानवीय संवेदनाये तेजी से क्षरित होती जा रही है, ऐसे में अपने भविष्य की चिंता के प्रति सजग रचनाकार अपने गुरुतर दायित्व का पालन करते हुए प्रकृति व पुरुष का आलम्ब लेकर समाज में घट रही छोटी छोटी घटनाओं के माध्यम से परमपिता परमेश्वर से अपनी चिंता व्यक्त करते हुए विश्व कल्याण के लिए याचना कर रहा है।
Read More
Specifications
Publication Year
2023
Manufacturing, Packaging and Import Info
Be the first to ask about this product
Safe and Secure Payments.Easy returns.100% Authentic products.