Sankrant

Sankrant (Hardcover, Kailash Vajpeyi)

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    Highlights
    • Binding: Hardcover
    • Publisher: Bharatiya Jnanpith -Vani Prakashan
    • Genre: Poetry
    • ISBN: 9788126309351
    • Edition: 1st, 2003
    • Pages: 112
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    VaniPrakashan
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  • Description
    संक्रान्त - 'संक्रान्त' कैलाश वाजपेयी की चौंसठ कविताओं का संग्रह है। सब इधर की लिखी हुई और चुनी-चुनी। इनकी शिल्पगत अभिनवता और निदाघ में फूलते गुलमोहर के छत्तों जैसी मोहक भाव-चेतना इन्हें सहज ही औरों से भिन्न बना देती है। देखने से लगेगा कि इनमें अधिकतर रचनाएँ नकारात्मक हैं: स्वर में भी, प्रेरणा में भी बात ही ऐसी है। वह एक बड़ी विशेषता है इनकी हम उसे पश्चिमी दर्शन का प्रभाव मानें चाहे आज के यन्त्र युग की देन, पर इतना अवश्य है कि ऐसी दृढ़ता के साथ 'ना' को प्रश्रय देने के लिए भी एक आस्था जैसे तत्त्व की अपेक्षा होती है। और तब उस नकारात्मकता के द्वारा क्या हम एक विशेष अर्थ को नहीं सकारते होते? ये कविताएँ नकारात्मक हैं उस विशेष अर्थ का संवहन करती हुई। संवेदना की दृष्टि से, इस संग्रह में एक और वे रचनाएँ हैं जो समाज के झूठे-झुठलाये हुए तत्त्वों के साथ समझौता न कर पाने की सचाई और जीवन तथा घटनाओं के साथ क्रियात्मक योग न बैठा पाने की विवशता में जनमी हैं; और दूसरी ओर जीवन के विसंगति बोध से युक्त वे रचनाएँ हैं जो अधकचरे सत्यों के रूप में प्रचलित परम्परागत मूल्यों और उनका पोषण करनेवाली समूह-चेतना के प्रति खोज और आक्रोश के भाव में व्यक्त हुई हैं। और सचमुच यही तो स्वर है जिसमें आज की युवा पीढ़ी का मानस गूँजता और प्रतिध्वनित होता है! इसीलिए और भी ये कविताएँ पुकारती हैं कि इन्हें पढ़ा जाये और इनकी कचोट को सहा जाये। इनमें सभी कुछ नया है; नयी तरह से काव्य को, या जिसे 'नयी कविता' कहते हैं उसे, कैलाश वाजपेयी ने यहाँ एक आयाम दिया है।
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    Specifications
    Book Details
    Publication Year
    • 2003
    Contributors
    Author Info
    • कैलाश वाजपेयी - जन्म: 11 नवम्बर, 1936, उत्तर प्रदेश। शिक्षा: लखनऊ विश्वविद्यालय से एम.ए., पीएच. डी.। सन् 1960 मुम्बई में, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, ग्रुप की पत्रिका 'सारिका' के प्रकाशन प्रभारी। 1961 में शिवाजी कॉलेज (दिल्ली) में विभागाध्यक्ष पद पर नियुक्ति। 1973 से 1976 तक 'एल कालेजियो दे मेख़िको' में भारतीय संस्कृति हिन्दी भाषा एवं साहित्य के विज़िटिंग प्रोफ़ेसर। 1976-77 में अमेरिका के डैलेस विश्वविद्यालय में एडजंक्ट प्रोफ़ेसर। प्रकाशन: 'आधुनिक हिन्दी कविता में शिल्प' (शोध प्रबन्ध)। 'संक्रान्त', 'देहान्त से हटकर', 'तीसरा अँधेरा', 'महास्वप्न का मध्यान्तर', 'प्रतिनिधि कविताएँ', 'सूफ़ीनामा', 'भविष्य घट रहा है', 'हवा में हस्ताक्षर', 'बियांड द सेल्फ़', 'चुनी हुई कविताएँ', 'एल आरबोल दे कार्ने' (स्पहानी भाषा में) (कविता संग्रह)। 'डूबा-सा अनडूबा तारा' (एक काव्यात्मक आख्यान)। 'युवा संन्यासी' (नाटक)। 'पृथ्वी का कृष्णपक्ष' (प्रबन्ध काव्य)। 'अनहद', 'शब्द संसार', 'समाज दर्शन और आदमी', 'है कुछ, दीखे और' (निबन्ध संग्रह)। 'भीतर भी ईश्वर' (आख्यायिकाएँ)। 'आधुनिकता का उत्तरोत्तर' (आलोचना)। 'साइंस ऑफ़ मन्त्राज़', 'मन्त्राज़ पालाबराज़ दे पोदेर' (रहस्य विज्ञान)। 'एस्ट्रो कॉम्बिनेशंस' (खगोलशास्त्र)। छह पुस्तकों का सम्पादन। पुरस्कार/सम्मान: हिन्दी अकादमी दिल्ली, एस. एस. मिलिनियम अवार्ड, व्यास सम्मान, ह्यूमन केयर ट्रस्ट अवार्ड, साहित्य शिखर सम्मान, साहित्य अकादेमी पुरस्कार। साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम के अन्तर्गत रूस, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडेन, इटली अमेरिका, कनाडा आदि देशों की यात्रा। निधन: 1 अप्रैल 2015।
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