Sarvagunakar Shrimant Shankardev: Life & Times Biography of Sri Sankardev

Sarvagunakar Shrimant Shankardev: Life & Times Biography of Sri Sankardev (Paperback, Dr. Rishikesh Rai)

Share

Sarvagunakar Shrimant Shankardev: Life & Times Biography of Sri Sankardev  (Paperback, Dr. Rishikesh Rai)

Be the first to Review this product
Special price
₹283
400
29% off
i
Available offers
  • Special PriceGet extra 19% off (price inclusive of cashback/coupon)
    T&C
  • Bank Offer5% cashback on Flipkart Axis Bank Credit Card upto ₹4,000 per statement quarter
    T&C
  • Bank Offer5% cashback on Axis Bank Flipkart Debit Card up to ₹750
    T&C
  • Bank OfferFlat ₹10 Instant Cashback on Paytm UPI Trxns. Min Order Value ₹500. Valid once per Paytm account
    T&C
  • Delivery
    Check
    Enter pincode
      Delivery by28 Jul, Monday
      ?
      if ordered before 10:59 AM
    View Details
    Author
    Read More
    Highlights
    • Binding: Paperback
    • Publisher: Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
    • ISBN: 9789392573385
    • Edition: 2023
    • Pages: 184
    Services
    • Cash on Delivery available
      ?
    Seller
    BestsellingBooks
    4.1
    • 7 Days Replacement Policy
      ?
  • See other sellers
  • Description
    भारतभूमि संतों, महात्माओं एवं सिद्ध पुरुषों की लीलाभूमि रही है। उन्होंने दिव्य ईश्वरीय चेतना का साक्षात्कार कर सृष्टि के कल्याण के निमित्त सदाचरण एवं मानवीय आदर्शों का उपदेश दिया। भारतीय संस्कृति का निर्माण ऐसे ही दिव्य पुरुषों के उच्चादर्शों एवं आप्त वचनों का फल है। ऐसे आध्यात्मिक सिद्धपुरुषों का उद्भव प्रत्येक देशकाल में होता रहा है। भारतभूमि के असम प्रांत में 15वीं सदी में जनमे श्रीमंत शंकरदेव ऐसे ही एक दिव्य व्यक्तित्व थे, जिन्होंने अपनी सुकीर्ति से पूरे पूर्वोत्तर के सांस्कृतिक परिदृश्य में अपने एक शरणिया नामधर्म के द्वारा अभूतपूर्व आलोडऩ एवं जनजागरण पैदा किया। घोर निराशाजनक परिदृश्य में असम में श्रीमंत शंकरदेव का आविर्भाव हुआ। पूरा देश उस समय भक्ति आंदोलन की उदार एवं पावन रसधारा से आप्लावित हो रहा था। संपूर्ण भारतवर्ष एक सांस्कृतिक प्राणवत्ता की धड़कन से स्पंदित था। श्रीमंत शंकरदेव ने अपनी सुदीर्घ साधना, विराट प्रतिभा एवं प्रगाढ़ जनसंपर्क से युगीन संकट की प्रकृति एवं दिशा को समझ लिया। समाधान सूत्र के रूप में उन्होंने वैष्णववाद की परंपरागत अवधारणाओं में नवीन तत्त्वों एवं मान्यताओं का अभिनिवेश किया। श्रीमंत शंकरदेव मात्र एक आध्यात्मिक गुरु ही नहीं थे, वरन एक श्रेष्ठ कवि, साहित्यकार, चित्रकार, नाटय व्यक्तित्व, उद्यमकर्ता, संगठक और सच्चे अर्थों में एक जननायक थे।
    Read More
    Specifications
    Book Details
    Publication Year
    • 2023 February
    Number of Pages
    • 184
    Contributors
    Author Info
    • डॉ. ऋषिकेश राय जन्म : 13 जून, 1967, गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) में। शिक्षा : एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं इतिहास), पी-एच.डी., डी.लिट.। कृतित्व : प्रकाशित एवं प्रकाश्य सहित कुल ग्यारह पुस्तकें। संप्रति : भारत सरकार, वाणिज्य मंत्रालय के संस्थान टी बोर्ड इंडिया में सचिव के पद पर कार्यरत। संपर्क : टी बोर्ड इंडिया 14, ब्रेबोर्न रोड, कोलकाता- 700001 दूरभाष : 9903700542
    Dimensions
    Width
    • 5.5
    Height
    • 8.5
    Depth
    • 1
    Weight
    • 200
    Frequently Bought Together
    Be the first to ask about this product
    Safe and Secure Payments.Easy returns.100% Authentic products.
    You might be interested in
    Medical And Nursing Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Popular Psychology Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Finance And Accounting Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Language And Linguistic Books
    Min. 50% Off
    Shop Now
    Back to top